नई दिल्ली
काश वो घर से निकले ही न होते। काश कुछ सेकंड पहले उनकी बाइक वहां से निकल गई होती। काश ये सब एक बुरा सपना हो, और आंखें खोलते ही नवजोत सिंह अपने परिवार के पास हों। यह सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि एक परिवार का दर्द है जो दिल्ली की सड़कों पर बिखर गया। धौला कुआं के पास, एक बीएमडब्ल्यू की तेज रफ्तार ने 52 साल के नवजोत सिंह की जिंदगी छीन ली और उनकी पत्नी संदीप की दुनिया को एक झटके में उजाड़ दिया। गुरुद्वारा बंगला साहिब से लौटते समय उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उनकी जिंदगी का सफर कुछ ही किलोमीटर में खत्म हो जाएगा।
परिवार का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर पास के अस्पताल की बजाय दूर ले जाया गया और एक छोटे से अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद आज नवजोत सिंह जिंदा होते। लेकिन सबसे दर्दनाक दृश्य वो था, जब संदीप ने अपने बेजान पति को आखिरी बार देखा। वह खुद स्ट्रेचर पर थीं और उनके बगल में उनके पति का शव था। उस पल जब उन्होंने अपने पति को आखिरी बार छूने की कोशिश की, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं। यह सिर्फ संदीप का दर्द नहीं था, बल्कि हर उस व्यक्ति का दर्द था जो यह समझ सकता है कि एक पल में कैसे किसी की दुनिया तबाह हो सकती है। यह तस्वीर हर किसी के दिल को झकझोर देती है।
पत्नी बार-बार लगाती रही गुहार, फिर भी नहीं मानी बात
संदीप ने अपनी शिकायत में कहा है कि हादसे के बाद उनके पति बेहोश हो गए थे। वह बार-बार गाड़ी चलाने वालों से गुहार लगाती रहीं कि उन्हें पास के किसी अस्पताल ले जाया जाए। उन्हें इलाज की तुरंत जरूरत है। लेकिन वह लोग नहीं माने और कई किलोमीटर दूर एक छोटे से अस्पताल ले गए। नवजोत सिंह वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी थे। मंगलवार को उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
नवजोत सिंह के पार्थिव शरीर को पहले द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल ले जाया गया, जहां दुर्घटना में घायल उनकी पत्नी का इलाज किया जा रहा है। परिवार के सदस्यों द्वारा अस्पताल में श्रद्धांजलि देने के बाद, पार्थिव शरीर को उनके हरि नगर स्थित आवास पर लाया गया और बाद में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में उप सचिव सिंह की मोटरसाइकिल को रविवार दोपहर एक बीएमडब्ल्यू कार ने टक्कर मार दी थी। वह अपनी पत्नी के साथ गुरुद्वारा बंगला साहिब से घर लौट रहे थे।
शराब के नशे में नहीं थी आरोपी महिला
इस घटना में सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने बताया कि घटना के दौरान कार चला रही गगनप्रीत के साथ उसके पति, दो बच्चे और एक घरेलू सहायिका भी थी। गुरुग्राम में रहने वाला यह परिवार विनिर्माण का कारोबार करता है। पुलिस के अनुसार, गगनप्रीत की रक्त जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि हादसे के दौरान वह शराब के नशे में नहीं थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में शहर की एक अदालत ने दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।