चंडीगढ़
पंद्रह साल का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म होने जा रहा है। इस नवंबर हरियाणा फिर खेलों का अखाड़ा बनेगा, जहां तालियों की गड़गड़ाहट गूंजेगी और खिलाड़ियों के नाम पुकारे जाएंगे। प्रदेश का सबसे बड़ा खेल महाकुंभ ‘हरियाणा ओलंपिक गेम्स’ भव्य अंदाज में लौट रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आयोजन को मंजूरी देते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक पल के गवाह वे खुद बनेंगे और गेम्स का उद्घाटन करेंगे। मंगलवार को हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) अध्यक्ष कप्तान जसविंद्र मीनू बेनीवाल और प्रधान महासचिव एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
फर्जीवाड़े पर सख्ती
खेलों में गड़बड़ी रोकने के लिए एचओए ने कड़ा कदम उठाया है। अब खिलाड़ियों को मिलने वाले सर्टिफिकेट पर माता-पिता का नाम, आधार नंबर और जन्मतिथि दर्ज होगी। इससे नकली खिलाड़ियों की एंट्री पूरी तरह बंद होगी और मेहनत करने वाले असली खिलाड़ियों को ही लाभ मिलेगा।
सेवा पखवाड़ा से जुड़ा खेल अभियान
बैठक में पंचायत मंत्री पंवार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान 75 गांवों में व्यायामशालाएं और इंडोर स्टेडियम शुरू करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। साथ ही व्यापक स्वच्छता अभियान भी चलेगा। सरकार का मानना है कि इन पहलों से गांवों में खेल संस्कृति, स्वास्थ्य और स्वच्छता—तीनों को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा ने खेलों में अपनी पहचान बनाई : बेनीवाल
ओलंपिक संघ अध्यक्ष मीनू बेनीवाल ने कहा कि हरियाणा ने हमेशा खेलों में अपनी पहचान बनाई है। यहां के खिलाड़ियों ने ओलंपिक और एशियाई खेलों में देश को बार-बार मेडल दिलाए हैं। ऐसे में 15 साल बाद लौट रहे हरियाणा ओलंपिक गेम्स युवाओं में नया उत्साह भरेंगे। यह आयोजन न सिर्फ प्रतियोगिता का बड़ा मंच बनेगा, बल्कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में ‘खेलो हरियाणा – बढ़ो आगे’ के संदेश को भी मजबूत करेगा।