काठमांडू
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ हाल के Gen Z प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि पिछले सप्ताह हुए भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है। पुलिस और प्रशासन के कर्मचारी हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए शॉपिंग मॉल और अन्य इमारतों से शव निकालने का काम जारी रखे हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता प्रकाश बुदाथोकी ने कहा कि शॉपिंग मॉल, घरों और अन्य इमारतों में, जहां आग लगाई गई थी या हमला हुआ था, वहां मारे गए कई लोगों के शव अब बरामद किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, नेपाल में दशकों की सबसे भीषण हिंसा में कम से कम 2113 लोग घायल हुए हैं। कई सरकारी इमारतों, देश के सर्वोच्च न्यायालय, संसद भवन, पुलिस चौकियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ-साथ राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित राजनेताओं के निजी घरों में आग लगा दी गई।
बता दें कि सोमवार (8 सितंबर) को प्रदर्शन के दौरान काठमांडू में संसद भवन पर धावा बोले जाने के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 19 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर छात्र थे। विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। सैकड़ों प्रदर्शनकारी सोमवार के प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों के विरोध में उनके इस्तीफे की मांग करते हुए उनके कार्यालय में घुस गए थे।
ओली के इस्तीफे के बाद भी हिंसा जारी रही और प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल पुलिस बल धीरे-धीरे काठमांडू घाटी में अपना अभियान फिर से शुरू कर रहा है, और जिन थानों और चौकियों में तोड़फोड़ या आगजनी हुई थी, वहां धीरे-धीरे काम शुरू हो रहा है।
गौरतलब है कि कि ओली की जगह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, जिन्हें 5 मार्च 2026 को होने वाले नए संसदीय चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।