मणिपुर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर में घातक जातीय हिंसा के दो साल बाद शनिवार को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे। इस दौरान वह मणिपुर भी जाएंगे। राज्य के मुख्य सचिव ने इसकी पुष्टि की है। मुख्य सचिव ने कहा कि मिजोरम से लौटने के बाद प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12:30 बजे चुराचांदपुर पहुंचेंगे। बता दें कि यह जिला बुरी तरह हिंसा से प्रभावित था। चुराचांदपुर से प्रधानमंत्री इंफाल जाएंगे और 1200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि चुराचांदपुर कुकी बहुल है तो वहीं इंफाल में मैतेई समुदाय की संख्या ज्यादा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं।
जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कुकी बहुल चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और मेइती बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। विपक्षी दल कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद राज्य का दौरा न करने को लेकर बार-बार प्रधानमंत्री की आलोचना करते रहे हैं। इस संघर्ष में मई 2023 से अब तक 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मणिपुर सरकार ने गुरुवार शाम एक बड़ा होर्डिंग लगाया, जिसमें शनिवार को चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड और इंफाल के कांगला किले में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की घोषणा की गई।मोदी के दौरे से पहले राज्य की राजधानी इंफाल में ऐसे और भी होर्डिंग लगाए गए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
राज्य सरकार ने गुरुवार को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें पीस ग्राउंड में आयोजित ‘‘वीवीआईपी कार्यक्रम’’ में शामिल होने वाले लोगों से कहा गया कि वे ‘‘चाबी, कलम, पानी की बोतल, बैग, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े का टुकड़ा, कोई भी नुकीली वस्तु या हथियार और गोला-बारूद’’ न लाएं। वहीं, एक अन्य अधिसूचना में लोगों से 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल पर लाने से बचने को कहा गया।
मणिपुर सरकार ने इससे पहले मोदी के दौरे के मद्देनजर चुराचांदपुर जिले में एयर गन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि इंफाल और चुराचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
इंफाल में लगभग 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में तथा उसके आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, जहां इस कार्यक्रम के लिए एक भव्य मंच तैयार किया जा रहा है।
मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा संजाओबा ने प्रधानमंत्री के दौरे को लोगों और राज्य के लिए ‘‘सौभाग्य का क्षण’’ बताया। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि मोदी लोगों की कठिनाइयों को सुनेंगे…मणिपुर में पहले भी हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है। हालाँकि, किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में राज्य का दौरा नहीं किया और लोगों की बात नहीं सुनी।’’ प्रमुख कुकी-जो समूहों ने भी प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे का स्वागत किया है और इसे ‘‘ऐतिहासिक तथा दुर्लभ अवसर’’ बताया है।
समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों में से एक कुकी-ज़ो काउंसिल ने दावा किया कि मोदी का यह दौरा किसी प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र में आने के लगभग चार दशक बाद हो रहा है। काउंसिल ने मोदी के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे घावों को भरने, हमारी गरिमा को बहाल करने तथा कुकी-जो लोगों के भविष्य की सुरक्षा के लिए हम आपके नेतृत्व पर भरोसा करते हैं।’’ कुकी-ज़ो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कई अन्य संगठनों ने भी प्रधानमंत्री के दौरे की सराहना की, लेकिन उनके स्वागत में नृत्य कार्यक्रम की योजना का विरोध किया। महिला संगठन ‘इमागी मीरा’ ने कहा कि मोदी को अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए कि वे मेइती लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही की अनुमति दें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।