शिक्षक का आचरण ही विद्यार्थी की असली पाठशाला: उच्च शिक्षा मंत्री परमार
परमार का वक्तव्य: चरित्र निर्माण के लिए नहीं है कोई ऐप, शिक्षक ही होते हैं रोल मॉडल
मिसाल : नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम का शुभारंभ
भोपाल
उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि चरित्र निर्माण का कोई सॉफ्टवेयर नहीं होता है। विद्यार्थी, शिक्षकों के आचरण एवं व्यवहार से ही सीखते हैं, इसलिए शिक्षकों को अनुसरणीय व्यक्तित्व के संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। परमार ने कहा कि विद्यार्थियों में संस्थान एवं शिक्षकों के प्रति श्रद्धा का भाव शिक्षक ही स्थापित करते हैं, इस तरह शिक्षक अपने व्यवहार से विद्यार्थियों में दो संस्कार एक साथ रोपित करते हैं। मंत्री परमार ने भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग एवं ओएसिस संस्थान गुजरात के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों की नेतृत्व क्षमता एवं चरित्र निर्माण को लेकर शुरू "मिसाल : नेतृत्व क्षमता"(जनजातीय युवा विशेष प्रकल्प) कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर वर्चुअल सहभागिता की।
मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने, भारत केंद्रित शिक्षा एवं स्वाभिमान के जागरण का महत्वपूर्ण अवसर दिया है। इसके परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों को केवल विषयविद नहीं बल्कि श्रेष्ठ नागरिक भी बनाना है, जिसमें समाज के प्रति संवेदनाएं हों। परमार ने कहा कि आज ही के दिन स्वामी विवेकानंद ने अपने वक्तव्य से विश्वमंच पर भारतीय संस्कृति को गुंजायमान किया था। भारत, संस्कारों का देश है, इन्हीं संस्कारों से भारत को पुनः विश्वमंच पर सिरमौर बनाना है। भारत, पुनः अपने स्वत्व की जागृति के साथ विश्वमंच पर आगे बढ़ रहा है। परमार ने कहा कि देश की एकात्मता को मजबूत करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं को सिखाने का संकल्प लिया है। परमार ने मिसाल परियोजना की अग्रिम सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रकल्प अपने ध्येय को प्राप्त करेगा और युवाओं में नेतृत्व क्षमता एवं चरित्र निर्माण में योगदान देकर राष्ट्र के पुननिर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगा।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने कहा कि यह प्रोजेक्ट प्रदेश के जनजातीय युवाओं के लिए नेतृत्व और चरित्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें एनएनएस अधिकारी अपने कॉलेजों में सकारात्मक बदलाव और समाज सेवा के लिए मार्गदर्शन देंगे। आयुक्त प्रबल सिपाहा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हम समाज को दशा और दिशा देने के शिक्षा के उद्देश्य के प्राप्त करने में एक कदम और आगे बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल का प्रेरक वर्चुअल वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 30 कॉलेजों के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएनएस) के अधिकारियों का 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार से गुजरात में प्रारंभ किया गया है, प्रदेश के जनजातीय युवाओं की नेतृत्व क्षमता और चरित्र निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मिसाल प्रोजेक्ट का प्रारंभ किया जा रहा है। गुजरात की ओएसिस संस्था के सहयोग से संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य जनजातीय युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी, नेतृत्व कौशल और समुदाय सेवा की भावना विकसित करना है, जिससे वे अपने समाज और राज्य में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
क्या है ‘मिसाल’ प्रोजेक्ट
गुजरात की संस्था ओएसिस एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रुप से इस प्रोग्राम को संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जनजातीय युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसके लिए प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य दस जिलों का चयन किया गया है। इसके तहत सबसे पहले 10 जनजातीय जिलों के 30 शासकीय महाविद्यालयों के एनएनएस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। छह दिनों तक चलने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम वडोदरा के ओएसिस केम्पस में आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान महाविद्यालय में एनएनएस का प्रभार संभाल रहे प्रोफेसर्स को जनजातीय युवाओं में नेतृत्व और चरित्र निर्माण के गुर सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद एनएसएस अधिकारी अपने-अपने महाविद्यालयों में जनजातीय युवाओं का चयन करके उन्हें कॉलेज के रोल मॉडल और समाजसेवी नेतृत्व के रुप में तैयार करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान प्रोफेसरों को उपयुक्त् विद्यार्थियों के चयन, मार्गदर्शन और उनके माध्यम से सामाजिक परियोजनाओं का क्रियान्वयन की जानकारी भी दी जाएगी। प्रशिक्षण में प्रदेश के इंदौर, धार, उज्जैन, बड़वानी, रतलाम, खंडवा, झाबुआ, बैतूल, अलीराजपुर एवं छिंदवाड़ा जिला शामिल हैं।