नई दिल्ली
सीआरपीएफ ने पत्र लिखकर दावा किया है कि राहुल गांधी ने अपनी आवाजाही के दौरान कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। इस पर बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोला है और सवाल उठाया है कि आखिर विदेश यात्रा के दौरान ऐसा क्या होता है जिसके चलते राहुल को अपनी ही सुरक्षा पर भरोसा नहीं है। वे वहां कौन सी सीक्रेट मीटिंग करने जाते हैं और वहां से ऐसी कौन सी सामग्री आती है? सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा, लोकसभा में विपक्ष के नेता 55 वर्षीय राहुल गांधी को ‘जेड प्लस (एएसएल)’ सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "अगर राहुल गांधी विदेश यात्राओं के दौरान बार-बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं, तो कुछ सवाल उठते हैं। विदेशी यात्राओं के दौरान ऐसा क्या होता है कि उन्हें अपनी ही सुरक्षा पर भरोसा नहीं होता और वे प्रोटोकॉल तोड़ते हैं? क्या वहां से कोई मटेरियल, कंटेट आ रहा है? ऐसी बातें या मुलाकातें हो रही हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में किया जा रहा है और यह किसी को पता न चले इसीलिए सिक्योरिटी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?''
उन्होंने आगे पूछा, ''इससे पहले भी जब उनके पास एसपीजी सुरक्षा थी, तब इस तरह की चिंताएं उठाई गई थीं। वह विदेशी देशों में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं… अगर कल को कुछ हुआ, तो क्या सुरक्षा एजेंसियों को दोषी ठहराया जाएगा? कांग्रेस को उनसे पूछना चाहिए कि वह विदेशी यात्राओं पर कौन सी गुप्त बैठकें करते हैं जिससे सुरक्षा का उल्लंघन होता है?" अर्धसैनिक बल की वीआईपी सुरक्षा शाखा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि गांधी ने अपने घरेलू दौरे के दौरान और विदेश जाने से पहले, ‘‘बिना किसी सूचना के कुछ अनिर्धारित गतिविधियां कीं।’’
सूत्रों ने कहा कि नियमित रूप से इस तरह का संचार किया जाता है और सीआरपीएफ सुरक्षा शाखा द्वारा पहले भी राहुल गांधी की सुरक्षा के संदर्भ में ऐसा संचार किया गया था। बल ने रेखांकित किया है कि इस तरह की अघोषित गतिविधियां उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करती हैं। उसने कहा कि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति और उसके कर्मचारियों द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना चाहिए।