उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन की शिप्रा नदी में बिना रैलिंग वाले पुल से कार समेत गिरे तीन पुलिसकर्मियों की तलाश में शुरु हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार शाम को आरक्षक आरती पाल का शव बरामद होने के साथ पूरा हो गया। करीब 68 घंटे की जद्दोजहद के बाद आरती का शव नदी के बड़े पुल से 80 मीटर दूरी में स्थित गहरे गड्ढे से बरामद किया गया। वहीं, आज बुधवार को दिवंगत आरक्षक आरती पाल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
वैसे तो आरती मूल रूप से रतलाम जिले की रहने वाली खीं, लेकिन रेस्क्यू के दौरान उनका पूरा परिवार उज्जैन ही आ गया था। ऐसे में सभी की सहमति से आज बुधवार को उज्जैन चक्र तीर्थ श्मशान घाट पर आरती का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
आरती पाल की अंतिम विदाई के मौके पर एडीजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, एसपी प्रदीप शर्मा, कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा, परिवार के लोगों के साथ साथ हजारों की संख्या में उज्जैन वासी शामिल हुए। सभी ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
शिप्रा नदी से निकला कॉन्स्टेबल आरती पाल का शव, परिवार में पसरा मातम
उज्जैन की शिप्रा नदी में बिना रैलिंग वाले पुल से कार समेत गिरे तीन पुलिसकर्मियों की तलाश में शुरु हुआ सर्च ऑपरेशन मंगलवार देर शाम तीसरे दिन पूरा हो गया। दरअसल, करीब 68 घंटे की जद्दोजहद के बाद महिला कांस्टेबल आरती पाल का शव नदी के बड़े पुल से 80 मीटर दूरी पर स्थित गहरे गड्ढे से बरामद हुआ है। उज्जैन के उन्हेल थाने में कार्यरत महिला आरक्षक आरती पाल मूल रूप से रतलाम की रहने वाली हैं। उनका शव मिलने की सूचना के बाद से परिवार के बीच कोहराम मच गया। माता-पिता समेत उनके घर के हर सदस्य का रो-रोकर बुरा हाल है। जबकि, हर कोई सदमें में है।
शिप्रा नदी में हादसे का शिकार होकर जान गवाने वाली आरती पाल मूल रूप से रतलाम शहर के अरिहंत परिसर की रहती थीं। आरती के पिता अशोक पाल कलेक्टर कार्यालय से सेवानिवृत हुए हैं और माता शीला पाल गृहणी हैं। साल 2013 में पुलिस सेवा में आई आरती के परिवार में उनका एक छोटा भाई लोकेंद्र 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है। बेटी का शव मिलने की खबर मिलते ही उसके बचे होने की नामुमकिन सी उम्मीद बांधे बैठे परिवार में मातम पसर हुआ है। मां का कहना है कि, जबतक बेटी को देख नहीं लेती, यकीन नहीं करूंगी कि अब वो इस दुनिया में नहीं है। बता दें कि, आरती अपने परिवार के प्रति इतनी जिम्मेदार थी कि, माता-पिता की सेवा के चलते अबतक विवाह नहीं किया था।
घर की जिम्मेदारियां निभाने अबतक नहीं की शादी
आरती के चाचा अजय पाल ने बताया कि, ऐसी जानकारी मिली थी कि, हादसे का शिकार हुआ वाहन आरती ही चला रही थी। आपको बता दें कि, एनडीआरएफ – एसडीआरएफ, पुलिस और उज्जैन-महिदपुर के लोकल रेस्क्यू दलों के कुल 130 जवानों ने 68 घंटे में 40 फीट गहराई तक तलाशने के बाद मंगलवार शाम महिला कांस्टेबल का शव नदी से ढूंढ निकाला है। बताया जा रहा है कि, आरती पाल का शव वाहन के साथ नदी में बड़े पुल से करीब 80 मीटर की दूरी पर स्थित एक गहरे गड्ढे में फंसा मिला है।
हादसे से एक दिन पहले बोलकर गई थी 'जल्दी आऊंगी'
चाचा के अनुसार, आरती के एक अन्य भाई जितेंद्र पाल का इसी साल 30 जुलाई को बीमारी के कारण निधन हो गया था। सवा माह पूरा होने पर धूप-ध्यान करने आखिरी बार बेटी 4 सितंबर को ही घर आई थी। उस दिन पूरा परिवार एक साथ था। वहीं, 5 सितंबर को जाते समय उसने घर वालों से कहा था, 'इस बार जल्दी आऊंगी'। लेकिन, घर से लौटने के अगले ही दिन इस तरह की दिल दहला देने वाली खबर आई, जिसने परिवार को झकझोर कर रख दिया और अब पता चला है कि, बेटी का शव मिला है। हमें पता नहीं था कि, बेटी इस हाल में जल्दी घर आएगी। ये सिर्फ आरती के माता-पिता नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए गहरी क्षति है।
पुलिस महकमें में हड़कंप
आपको बता दें कि, 6 सितंबर शनिवार रात को उज्जैन की शिप्रा नदी के पुल से एक वाहन नदी में गिर गया था। प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर रात डेढ़ बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर वाहन और उसमें सवारों की तलाश की गई पर नदी का बहाव तेज होने के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा। रविवार सुबह 6 बजे दोबारा तलाश दोबारा से शुरु हुई। इसी बीच रेस्क्यू दल समेत पुलिस महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब शिप्रा पुल से करीब 2 किलोमीटर दूर मिली कार से उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा का शव निकला। बाद में मालूम हुआ कि, बीती रात जो वाहन हादसे का शिकार हुआ है, उसमें टीआई के साथ एसआई मदनलाल निनामा और महिला आरक्षक आरती पाल भी मौजूद थीं।
68 घंटे बाद पूरा हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना ने पुलिस महकमें को सन्न कर दिया। टीआई के साथ एसआई और महिला आरक्षक होने की पुष्टि होने पर रेस्क्यू ऑपरेशन की रफ्तार बढ़ाई गई, लेकिन रविवार देर रात तक दोनों लापता पुलिसकर्मियों का कोई सुराग नहीं लगा। सोमवार की सुबह से एक बार फिर एसडीआरएफ ने रेस्क्यू शुरु किया तब जाकर शाम को एसआई मदनलाल का शव भी मिल गया। इसके बाद रेस्क्यू अभियान आगे बढ़ा और मंगलवार शाम करीब 68 घंटे बाद आरक्षक आरती पाल का शव भी नदी से बरामद कर लिया गया।
नदी में कार गिरने का वीडियो हुआ वायरल
इधर, सोमवार रात शिप्रा नदी के बड़े पुल से पुलिसकर्मियों की कार गिरने का लाइव वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में कार अन्य वाहनों के साथ जाती दिख रही थी ऐर अचानक ही पुल से नीचे गिर गई। फिलहाल, सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर अब भी प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है।