इजराइल
मध्यपूर्व में तनाव और बढ़ने वाला है। इज़राइल के वित्त मंत्री बेज़ालेले स्मोट्रिच ने एक ऐसा नक्शा पेश किया है जिसमें इज़राइल ने वेस्ट बैंक के 82% हिस्से को अपने कब्ज़े में लेने की योजना दिखाई है। यह कदम न केवल फिलिस्तीनियों के लिए झटका है, बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बन गया है।
वेस्ट बैंक क्यों अहम
वेस्ट बैंक लाखों फिलीस्तीनियों का घर है। यह वही इलाका है जो लंबे समय से इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष का केंद्र रहा है। अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक वेस्ट बैंक को कब्ज़ा किया हुआ इलाका (Occupied Territory) माना जाता है। यही कारण है कि यहां इज़राइल का नियंत्रण बढ़ाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादास्पद माना जाता है।
नक्शे में क्या दिखाया
स्मोट्रिच द्वारा जारी नक्शा इज़राइली रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) के लोगो के साथ पेश किया गया। इस नक्शे में लगभग पूरा वेस्ट बैंक इज़राइल के हिस्से में शामिल कर लिया गया है। फिलिस्तीनियों के लिए केवल कुछ छोटे-छोटे इलाके छोड़े गए हैं, जिन्हें चारों ओर से इज़राइल के कब्ज़े वाले क्षेत्रों ने घेर रखा है। इसका मतलब यह होगा कि फिलिस्तीनी इलाकों का आपस में कोई सीधा संबंध नहीं रहेगा और वे अलग-थलग पड़ जाएंगे।
वैश्विक प्रतिक्रिया
यह फैसला फिलिस्तीनियों के लिए बेहद मुश्किल हालात पैदा कर सकता है। इससे उनकी जमीन, संसाधन और आवाजाही पर सीधा नियंत्रण इज़राइल का हो जाएगा। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ संघर्ष को और भड़काने वाला मान रहे हैं।संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय देश पहले ही साफ कर चुके हैं कि वेस्ट बैंक पर इज़राइल का कब्ज़ा अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। अब इज़राइल की इस नई योजना पर दुनियाभर से कड़ी प्रतिक्रिया आने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल शांति प्रक्रिया को खत्म करेगा, बल्कि पूरे मध्यपूर्व को नए संकट की ओर धकेल सकता है।