मेरठ
यूपी में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास बन रही अब्दुल्ला रेजीडेंसी को लेकर विवाद हो गया है। आरोप लग रहा है कि इस कॉलोनी में केवल धर्म विशेष के लोगों को ही जगह दी जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कॉलाेनी में अघोषित रूप से हिंदुओं को जगह देने पर रोक है। इसकी शिकायत मिलने पर स्थानीय विधायक और प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री डा.सोमेन्द्र तोमर ने डीएम और आवास विकास को जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा है। मंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि कोई बिल्डर धर्म विशेष को लेकर आवंटन की बात कैसे कर सकता है? इसके साथ ही उक्त जमीन के स्वामित्व का भी मामला है। उधर, अब्दुल्ला रेजीडेंसी के बिल्डर महेन्द्र गुप्ता ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। रेजीडेंसी में किसी को संपत्ति खरीदने पर कोई रोक नहीं है। इस बीच शनिवार को नायब तहसीलदार की अगुवाई में एक टीम ने मौके पर पहुंचकर अपने स्तर पर मामले की जांच भी की।
हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजीडेंसी का काम पिछले कुछ सालों से चल रहा है। अब यह विवादों में है। आरोप है कि इस रेजीडेंसी में केवल धर्म विशेष के लोगों को ही प्रॉपर्टी खरीदने की सुविधा है। हाल में ही कॉलोनी में मस्जिद भी बनाई गई है। यह मामला जब ऊर्जा राज्य मंत्री डा.सोमेन्द्र तोमर के सामने आया है तो उन्होंने डीएम और आवास विकास को मामले की जांच के लिए कहा है। मंत्री का कहना है कि धार्मिक आधार पर किसी रेजीडेंसी का निर्माण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जब आवास विकास ने आसपास की जमीन का अधिग्रहण किया तो उक्त जमीन अधिग्रहण से मुक्त कैसे हो गई। उधर, चर्चा है कि यह जमीन जेल में बंद एक गैंगस्टर से जुड़ी है। हालांकि डेवलपर्स कोई और है। फिलहाल प्रशासन और आवास विकास ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
अब्दुल्ला रेजीडेंसी की ओर से आई ये सफाई
बिल्डर महेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अब्दुल्ला रेजीडेंसी को लेकर जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं तो वे गलत और निराधार हैं। अब्दुल्ला रेजीडेंसी में किसी को संपत्ति खरीदने पर कोई रोक नहीं है। आवास विकास और रेरा से स्वीकृत कॉलोनी है। कुछ लोगों ने वेवजह इस तरह के आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।