भोपाल
मध्यप्रदेश की सरकार हर संकट में किसानों के साथ खड़ी है। इस स्पष्ट संदेश के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 सितंबर को अतिवृष्टि-बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राहत राशि का वितरण किया। उन्होंने एक क्लिक के माध्यम से किसानों को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। मध्यप्रदेश सरकार साल 2025-26 तक 188 करोड़ 52 लाख रुपये आपदा प्रभावित लोगों को ट्रांसफर कर चुकी है। प्रदेश सरकार का कहना है कि इन दिनों मौसम असंतुलित हो गया है। इसलिए सरकार किसानों की हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार का मानना है कि किसानों की मुस्कान ही राज्य की ताकत है।
गौरतलब है कि सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से कई जिलों के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की। उन्होंने किसानों से उनका हालचाल जाना और सरकार का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन में मौसम की मार से परेशानी आई है। इस परेशानी का सरकार ने समाधान कर दिया है।
खेतों में किसान और सीमा पर जवान दोनों आंधी-तूफान और कष्टों के बीच अपनी मौजूदगी से, मेहनत से, जान की बाजी लगाकर देश के लोगों की सेवा करते हैं। प्रदेश में कहीं-कहीं बहुत ज्यादा बारिश हुई और कहीं-कहीं कम बारिश भी हुई। इस असंतुलन की कीमत हमें थोड़ी-थोड़ी चुकानी पड़ रही है। सरकार हर परेशानी में किसान के साथ है। हमारी सरकार बाढ़ के दौरान भी जनता के बीच गई। सरकार किसानों के हर संकट में साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसानों को सरकार पर पूरा भरोसा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज 11 जिलों के 12 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बड़े क्षेत्र में 17500 भाई-बहनों को सिंगल क्लिक के माध्यम से 20 करोड़ रुपये की राशि दे रहे हैं। किसान हमारी सरकार पर पूरा भरोसा करता है। किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। उनके नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार जनकल्याण के काम कर रही है। इससे पहले हमने 30 करोड़ की राहत राशि ट्रांसफर की थी। 2025-26 में अभी तक 188 करोड़ 52 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।
मिलकर आपदा से मुकाबला करेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मैं हर किसान को आश्वासन देना चाहता हूं कि संकट की घड़ी में हमारी सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है। किसानों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की ताकत है। किसान अपनी मेहनत से एक फिर जीवन के मैदान में उतरेंगे। हमें आशा है कि अगली फसल इस नुकसान की भरपाई कर देगी। हम सब मिलकर इस आपदा से मुकाबला करेंगे। किसान कभी हार नहीं मानता, वह जीवटता के साथ आने वाले कल की तैयारी करता है। आइए हम सब मिलकर एक बार फिर कामना करें कि एक बार फिर धरती माता हमारे अन्न के भंडार भरेगी।