लखनऊ
बांसडीह से भाजपा की विधायक केतकी सिंह की सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर टोंटी को लेकर की गई टिप्पणी के बाद बलिया से लखनऊ तक की सियासत गरमा गई है। भाजपा विधायक के बयान के खिलाफ सपा ने केतकी सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। जहां, लखनऊ में विधायक के आवास पर प्रदर्शन भी किया गया। वहीं, सपा की अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एडवोकेट कृष्ण कन्हैया पाल ने केतकी सिंह को अब मानहानि का नोटिस भेजा है।
हाल ही में केतकी सिंह ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुख्यमंत्री आवास से गायब टोंटियों का हिसाब मांगा था। नोटिस में केतकी के इस बयान को लेकर कहा गया है कि यह स्पष्ट हो गया कि आपने दुर्भावनापूर्ण रूप से आरोप लगाया कि जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब अखिलेश यादव और सपा ने मुख्यमंत्री आवास से टोटियों की चोरी की थी। आपने जानबूझकर सपा के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कन्नौज से संसद सदस्य (लोकसभा) अखिलेश यादव को बदनाम करने के गुप्त इरादे से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था की और उसमें बयान दिया।
टोटियां चोरी कीं बयान के खिलाफ नोटिस
नोटिस में बयान को लेकर लिखा है, केतकी से एक सवाल किया गया। सवाल था कि अखिलेश कल बिहार चुनाव प्रचार में गए थे, लेकिन इनका एक भी उम्मीदवार वहां खड़ा नहीं था, फिर भी गए हैं चुनाव प्रचार में, आप कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में केतकी ने कहा कि अच्छा बहुत दिन से हो गया होगा अपने एसी कमरे में रहते हुए साहब को लगा होगा कि मैं भी घूम कर आता हूं। चुनाव चुनाव खेलकर आता हूं। पर अभी उनके एक ऑफिसिलय ट्विटर से और समाजवादी ट्विटर से भी मैंने देखा कि मेरे खिलाफ उन्होंने कोई ट्वीट वगैरह किया था। तो मैं तो यह कहना चाहूंगी कि ठीक है, आप वहां जाकर जो वोट मांगना है वो लीजिए, परंतु पहले यूपी की जनता को वो टोटियां लौटाइए जो आप मुख्यमंत्री आवास खाली करते हुए ले गए वे। अब मुझे नहीं लगता अखिलेश यादव जी जैसे बड़े नेता ऐसी हरकत कर सकते हैं, परंतु उन्हें पता जरूर करवाना चाहिए कि समाजवादी पार्टी में ऐसे कौन लोग थे जो टोटियां उखाड़ कर ले गए थे। पहले यूपी की जनता को, जिसने उन्हें चार बार मुख्यमंत्री बनाया, उनकी टोटिया वापस कीजिए, उसके बाद आगे की बात होगी।
केतकी बिना शर्त मांगें माफी
नोटिस में लिखा गया है कि उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, आपसे अनुरोध है कि आप अखिलेश यादव और सपा के पक्ष में बिना शर्त लिखित और सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी करें, जिसे इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए। ऐसा न करने पर, मैं आपके विरुद्ध सक्षम न्यायालय में मानहानि के लिए उचित दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य हो जाऊंगा, जिसमें आपके संपूर्ण जोखिम, लागत और परिणामों पर कम से कम 5 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा जाएगा।