नई दिल्ली
भारत में चुनावों से पहले नेताओं के आपराधिक इतिहास को लेकर कई बार बहस होती रही है, और अब एक नई रिपोर्ट ने यह आंकड़े सामने रखे हैं कि देश के मंत्रियों में से 47% का आपराधिक रिकॉर्ड है।
चुनाव सुधार संस्था 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (ADR) द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि देशभर के 653 मंत्रियों में से 302 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 174 पर मर्डर, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं।
इस रिपोर्ट में उन सभी मंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया है, जिन्होंने 2020 से 2025 के बीच चुनावों में हिस्सा लिया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि यह आंकड़े भविष्य में बदल भी सकते हैं, क्योंकि कुछ मामलों में अदालतों में लंबित मामले हो सकते हैं। आइए इस रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अरबों रुपये तक है मंत्रियों की संपत्ति
आपको बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार देश में मौजूदा मंत्रियों की औसत संपत्ति 37.21 करोड़ रुपये है. बात अगर सभी 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति लगभग 23,929 करोड़ रुपये आंकी गई है. जबकि 30 विधानसभाओं में से 11 में अरबपति मंत्री भी हैं.
इन मंत्रियों के पास है सबसे ज्यादा संपत्ति
आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में उन मंत्रियों का भी नाम बताया गया है जिनके पास सबसे ज्यादा संपत्ति है. इस रिपोर्ट के अनुसार डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी (टीडीपी, आंध्र प्रदेश) के पास सबसे ज्यादा संपत्ति है. उनकी कुल संपत्ति 5,705 करोड़ रुपये से ज्यादा की है. उनके बाद कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डी.के शिवकुमार सबसे ज्यादा अमीर हैं. उनके पास 1,413 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू हैं. उनके पास 931 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है.
इन नेताओं के पास है सबसे कम संपत्ति
इस रिपोर्ट में के अनुसार त्रिपुरा के नेता शुक्ला चरण नोआतिया के पास महज दो लाख रुपये की संपत्ति है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर बीरबाहा हंसदा हैं. पश्चिम बंगाल के इस नेता के पास 3 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति है.
किस पार्टी के कितने नेताओं पर है आपराधिक मामला
आपको बता दें कि ADR की इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 336 मंत्रियों में से 136 यानी 40 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 86 यानी कुल 26 फीसदी पर गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं. वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनके 61 मंत्रियों में से 45 यानी 74 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 18 यानी 30 फीसदी पर गंभीर अपराध में शामिल रहने की बात कही गई है. डीएमके के 31 में से 27 नेताओं यानी 87 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 14 यानी 45 फीसदी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
इसी तरह टीएमसी के 40 में से 13 नेताओं पर मामले दर्ज हैं. जो कुल 33 फीसदी होता है. जबकि 8 नेताओं यानी 20 फीसदी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. बात अगर टीडीपी की करें तो उसके 23 में से 22 नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, यानी टीडीपी के 96 फीसदी नेताओं पर मामला दर्ज है. इनमें से 57 फीसदी यानी कुल 13 नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया गया है. बात अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल की करें तो 72 मंत्रियों में से 29 यानी कुल 40 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कुछ प्रमुख पार्टियों के नेताओं की स्थिति
भाजपा | 336 मंत्रियों में से 136 (40%) पर आपराधिक केस हैं, वहीं 88 (26%) पर गंभीर आरोप हैं। |
कांग्रेस | 61 मंत्रियों में से 45 (74%) पर केस हैं, 18 (30%) पर गंभीर आरोप हैं। |
डीएमके | 31 में से 27 (87%) मंत्री आरोपी हैं, 14 (45%) पर गंभीर केस हैं। |
टीएमसी | 40 में से 13 (33%) पर केस हैं, 8 (20%) पर गंभीर आरोप हैं। |
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) | 23 में से 22 (96%) मंत्री आरोपी हैं, 13 (57%) पर गंभीर केस हैं। |
आम आदमी पार्टी |
16 में से 11 (69%) मंत्री आरोपी हैं, 5 (31%) पर गंभीर आरोप हैं। |
11 राज्यों में 60% मंत्री क्रिमिनल
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में 60 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं।
दूसरी ओर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड के किसी भी मंत्री पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है।
643 मंत्रियों की संपत्ति का विश्लेषण
इन 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति ₹23,929 करोड़ है। औसतन हर मंत्री के पास ₹37.21 करोड़ रुपए की संपत्ति है। 30 में से 11 विधानसभाओं में अरबपति मंत्री हैं। कर्नाटक में सबसे ज्यादा 8 अरबपति मंत्री हैं, आंध्र प्रदेश में 6 और महाराष्ट्र में 4 हैं। केंद्र सरकार में 72 मंत्रियों में से 6 मंत्री (8%) अरबपति हैं।
सरकार के मंत्रियों पर आपराधिक आरोप
केंद्र सरकार के मंत्री:
केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 मंत्रियों ने खुद पर आपराधिक आरोपों का सामना करने की बात स्वीकार की है, जो कि 40% हैं।
राज्य सरकारों के मंत्री:
देशभर के विभिन्न राज्य सरकारों में मंत्री अपने-अपने मामलों में घिरे हुए हैं।