हिसार
हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और चरखी दादरी जिलों में लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। ड्रेन और नहरों के टूटने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, फसलें डूब गई हैं और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
हिसार में ड्रेन टूटने से भारी नुकसान
हिसार जिले में घिराय, पातन और भिवानी रोहिल्ला के पास घग्गर ड्रेन के टूटने से करीब 300 एकड़ क्षेत्र में जलभराव हो गया। जिले में अब तक 61 हजार एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। 28 गांवों की बाहरी बस्तियों और ढाणियों में पानी भरा हुआ है, जबकि 34 स्कूलों के परिसर में जलभराव की स्थिति है। रामगढ़ में जलभराव से नाराज ग्रामीणों ने हिसार-सिवानी रोड पर जाम लगाकर विरोध जताया।
फतेहाबाद में मजदूर की मौत
फतेहाबाद के भट्टूकलां में गांव रामसरा के पास हिसार मल्टीपर्पज चैनल ड्रेन टूटने से 700 एकड़ फसलें डूब गईं। करीब 15 ढाणियों में भी पानी भर गया। बचाव कार्य के दौरान ढिंगसरा गांव के मजदूर निगेह सिंह (42) की हार्टअटैक से मौत हो गई। भूना में बाढ़ जैसे हालात हैं, जहां दहमान गांव के 300 घरों में पानी घुस गया और 15 परिवारों को दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी। खंचाजी मोहल्ला में एक मकान की छत और पुरानी तहसील चौक व गांव गाजूवाला में दीवारें गिर गईं।
सिरसा में घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर
सिरसा के गांव चामल के पास ढाणी सुखचैन और मल्लेवाला में घग्गर नदी के तटबंध में दरारें आ गईं। चोपटा क्षेत्र में पांच घंटे की बारिश से कई गांवों में जलभराव हो गया। घग्गर नदी का जलस्तर 18,600 क्यूसेक से बढ़कर 21,000 क्यूसेक हो गया, जो खतरे के निशान को पार कर चुका है। शक्करमंदोरी और दड़बा कलां के स्कूलों में पानी भर गया, जबकि लुदेसर का शहीद स्मारक भी जलमग्न हो गया।
चरखी दादरी में 7600 एकड़ फसल प्रभावित
चरखी दादरी के 15 गांवों में जलभराव से 7600 एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं। गांव चांग और सागवान में आबादी क्षेत्र में पानी भरने से लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बुधवार को गांव अचीना के पास बास माइनर टूटने से छह एकड़ फसल जलमग्न हो गई। गांव कलिंगा में तीन नाबालिग लड़कियों की मौत के बाद प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के जरिए मुनादी कराकर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।फतेहाबाद में भी घग्गर का जलस्तर बढ़ा फतेहाबाद में घग्गर नदी का जलस्तर 14,700 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
स्कूलों में अवकाश
हिसार और सिरसा में 6 सितंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। फतेहाबाद के रतिया, भूना, टोहाना और जाखल खंडों में भी स्कूल 6 सितंबर तक बंद रहेंगे। प्रशासन और स्थानीय टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन बारिश और जलभराव ने किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
अंबाला के 144 गांव जलमग्न, करंट लगने से एक शख्स की मौत, चार घरों की छत गिरी
बारिश और नदियों के उफान ने अंबाला के अधिकांश क्षेत्रों को प्रभावित किया है। बुधवार रात्रि को घग्गर, टांगरी और मारकंडा नदी में अत्यधिक पानी आने से अंबाला के 146 से अधिक गांव जलमग्न हो गए। हालात इतने खराब हुए कि कालपी ओवरब्रिज के पास टूटे तार के कारण करंट लगने से एक युवक की मौत हो गई, वहीं जिले में चार घरों की छत गिर गईं। हालांकि घर की छत गिरने से लोग बाल-बाल बच गए, इनमें तीन घर बराड़ा में तो एक घर अंबाला छावनी के मोहड़ा में स्थित है, इसके साथ ही साहा में गंदे पानी की सप्लाई से साहा के बिहटा गांव निवासी 14 वर्षीय नैन्सी की मौत हो गई। बच्ची को दो दिन से उल्टी व दस्त हो रहे थे।
दूसरी तरफ अंबाला के इंडस्ट्रियल एरिया में 9 फुट तक पानी भर गया, जिसमें 175 से अधिक लोग फंस गए। जिन्हें रेस्क्यू करने का अभियान एसडीआरएफ ने सुबह चार बजे से ही शुरू कर दिया था, इसमें से 150 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, इसके साथ ही अंबाला साहा राजमार्ग, अंबाला-यमुनानगर राजमार्ग पर टांगरी व मारकंडा नदी का पानी आ गया जिससे एक तरफ का ही मार्ग चला। चंडीगढ़ दिल्ली राजमार्ग को भी हिसार बाईपास से डायवर्ट किया गया।
वोडाफोन का नेटवर्क ठप होने से बचाया
छावनी के इंडस्ट्रियल एरिया में मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन का प्रदेशस्तरीय कार्यालय है। यहीं से प्रदेश में नेटवर्क तकनीक को संचालित किया जाता है। बुधवार रात्रि को टांगरी का पानी क्षेत्र में आने से यह कार्यालय भी डूब गया। यहां कर्मचारी भी फंस गए। उन्होंने प्रशासन से मदद मांगी तो वीरवार सुबह प्रशासन ने एसडीआरएफ को भेजकर कुछ कर्मचारियों को निकाला तो वहीं कुछ कर्मचारियों को खाने का सामान भी पहुंचाया, इसके साथ ही डीजल की सप्लाई भी की गई ताकि जेनरेटर चलते रहे।
सबसे अधिक अंबाला छावनी का हुआ नुकसान
इस आपदा में सबसे अधिक नुकसान अंबाला छावनी और साहा क्षेत्र को हुआ है, इसके बाद अंबाला सिटी के ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार उप-तहसील साहा के सभी गांवों में पानी भर गया है। इसके अलावा, कुछ आवासीय क्षेत्रों जैसे विकास विहार, अग्रसेन नगर, कीर्ति नगर, शंकर पार्क, गणेश विहार, और सत्संग विहार के साथ-साथ टांगरी बांध से सटे क्षेत्रों में भी जलभराव की समस्या रही। हलका धन्यौरा और ठरवा माजरी के गांवों में टांगरी नदी का पानी खेतों में घुस गया। खोजकीपुर, प्रधान, नगल, सरसाहेड़ी, सलरेहड़ी, माजरी, धन्यौरा, मोहड़ा, बब्याल, और बाड़ा गांवों के खेतों में भी पानी भर गया है, इसके अलावा, टैगोर गार्डन, पूजा विहार, प्रभु प्रेम आश्रम, ईस्ट सोनिया कॉलोनी, कमल कॉलोनी, करधान, और अर्जुन नगर जैसे इलाकों में भी जलभराव रहा।
अंबाला शहर में ये क्षेत्र रहे प्रभावित
शहर के कई रिहायशी इलाकों में पानी घरों में घुस गया, इनमें भानोखेड़ी, सोंतली, मलौर, सपेरा, केसरी, गोला, गगनेहरी, पपलोथा, महताबगढ़, अलापुर, लांडा, हलदरी, राजौली, हेमा माजरा, मुलाना, बुधियों, शेरपुर, और सुलखनी शामिल हैं। इन्को चौक अंडरपास, मनमोहन नगर, कपड़ा मार्केट, और टीवी अस्पताल रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर भी जलभराव रहा।
बराड़ा और मुलाना में ये क्षेत्र डूबे
बराड़ा और मुलाना तहसील के खेतों में जलभराव की समस्या है। सैहला, सरदाहेड़ी, डुलियानी, गगनपुर, होली, मुलाना, घेलड़ी, हेमामाजरा, उगाला, गोला, गोली, रामगढ़, पप्लोथा, धीन, बराड़ा, तन्दबाल, और झन्डूमाजरा जैसे गांवों में भी पानी भरा हुआ है।
हरियाणा में बीते एक सप्ताह से जारी बारिश ने लोगों के मकानों, फसलों और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया
हरियाणा में बीते एक सप्ताह से जारी बारिश ने लोगों के मकानों, फसलों और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। अकेले हिसार जिले में एक सप्ताह में कुल 32 मकान गिर चुके हैं। जुगलान गांव में मंगलवार की रात 11 मकान गिर गए। घिराय में दो, राजली में तीन, चानौत में चार मकान गिर गए। जुगलान में पंच कुलदीप बेरवाल, अर्जुन मुवाल ,विनोद बेरवाल , मनीराम अग्रवाल, सोनू इंदोरा, सलीम इंदोरा, रामकुमार और राजकुमार काजला के मकान गिर गए।
बारिश से अग्रोहा खंड के गांव लांधड़ी में एक मकान की छत, सीढ़ियां और दीवार गिर गई। गनीमत रही कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। लांधड़ी निवासी तरूण राजपूत ने बताया कि वह मजदूरी करता है। सोमवार शाम को वह बाहर वाले कमरे में बैठा था और उसकी पत्नी खाना बना रही थी। दो लड़के व एक दोहती बरामदे में पढ़ रहे थे।
इसी दौरान बारिश से मकान का एक हिस्सा गिरने की तेज आवाज आई। परिवार के सभी सदस्य बरामदे से बाहर आ गए। कुछ ही देर में मकान की छत गिर गई। धमाके की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग भागकर आए। वहीं, मकान के मलबे के नीचे सामान दब गया। जिससे एक लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। गांव के तालाब में पानी ओवरफ्लो होने से ढाणियों में जाने वाले रास्ते में एक फीट तक पानी भर गया है। इस कारण 15-20 ढाणियों का रास्ता बंद हो गया।