नई दिल्ली
देशभर में बाढ़-बारिश ने तबाही मचाई है. अधिकांश नदियां विकराल रूप में तबाही मचा रही हैं. हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से छोड़े गए पानी के कारण पंजाब की प्रमुख नदियां सतलुज, ब्यास और रावी उफान पर हैं. जिससे बाढ़ की गंभीर स्थिति है.
देश के कई राज्यों में बाढ़ का गंभीर संकट
केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 24 नदियों में गंभीर बाढ़ की स्थिति है, जबकि 33 अन्य नदियों का जलस्तर सामान्य से ऊपर है. जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की नदी में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. देश के कई राज्यों में भारी बारिश और नदियों के उफान के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से छोड़े गए पानी के कारण पंजाब की प्रमुख नदियां सतलुज, ब्यास और रावी उफान पर हैं. पंजाब में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है, इस बीच उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इससे ब्यास, सतलुज, रावी, चिनाब, अलकनंदा और भागीरथी नदियों में जलस्तर ओर बढ़ सकता है.
पंजाब के 23 जिलों में बाढ़, 3.55 लाख लोग प्रभावित
पंजाब के सभी 23 जिलों में बाढ़ से 1,655 गांवों में 3.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की छुट्टियां 3 सितंबर से बढ़ाकर 7 सितंबर कर दी गई हैं. 1 अगस्त से 3 सितंबर तक बाढ़ में 37 लोगों की मौत हुई है. गांव के गांव डूब गए हैं. घर-मकान टापू बन गए हैं. खेतों में पानी भरने से फसलें तबाह हो गई हैं. मुसीबत की मार के बीच लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए सेना-NDRF मोर्चे पर डटी हुई है.
पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी, यह तीनों नदियां उफान पर हैं. जिससे पंजाब पर 37 साल बाद बाढ़ की ऐसी आफत आई हुई है. वैसे तो पंजाब के सभी 23 जिले प्रभावित हैं लेकिन गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. बहुत से लोग अब भी घरों की छतों या ऊंचे जगहों पर फंसे हैं.लोगों का लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
यमुना में उफान, पानी खतरे के निशान के पार
लगातार 4 दिन से यमुना खतरे के निशान से ऊपर है. यमुना के पास का इलाका लबालब है. सीएम के दफ्तर से लेकर निगम बोध घाट, राजघाट, कश्मीरी गेट ISBT, यमुना बाजार, मॉनेस्ट्री मार्केट सब पानी-पानी हैं. 10 हजार से ज्यादा लोगों को घर छोड़कर राहत कैंपों में शिफ्ट होना पड़ा है. हालांकि, दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब घटना शुरू हो गया है लेकिन फिर भी 207 मीटर के ऊपर है. आज, 5 सितंबर को सुबह 8 बजे पुराना लोहा पुल पर यमुना का जलस्तर 207.31 मीटर रिकॉर्ड किया गया है.
बता दें कि यमुना अभी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. रात 8 बजे तक पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207.15 मीटर तक पहुंचने की संभावना है.बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी का खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है. 13 जुलाई 2023 को यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था.
सेंसेटिव जोन में 50 डैम और बैराज
केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में 50 बांधों और बैराजों के लिए जलप्रवाह पूर्वानुमान जारी किए गए हैं, जिनमें कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु की प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं. गुजरात में अगले दो से तीन दिनों में नर्मदा, तापी, साबरमती और बनास सहित नदियों में उफान आने का अनुमान है.
पूर्वी राज्यों में भी स्थिति गंभीर है. ओडिशा में बुरहाबलंग, सुवर्णरेखा, बैतरणी और महानदी नदियां 'सामान्य से ऊपर' से लेकर 'गंभीर बाढ़' की स्थिति में हैं, जबकि बिहार में गंगा और कोसी कई जिलों में खतरनाक स्तर पर बह रही हैं.
CWC के पूर्वानुमान से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई स्टेशनों पर अगले सात दिनों तक बाढ़ की स्थिति 'गंभीर' या 'सामान्य से अधिक' रहने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विभाग ने गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है.
कश्मीर में बेकाबू हुई झेलम नदी ने मचाई तबाही
बाढ़ ने अब जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को भी हिट कर दिया है. 2014 में भी श्रीनगर में बाढ़ आई थी, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. एक बार फिर से झेलम बेकाबू हो गई और साउथ कश्मीर में तबाही मचा रही है.