हिसार
हरियाणा की एजूकेशन में शिक्षा विभाग बड़ा बदलाव करने जा रहा है। दरअसल, नए शिक्षण सत्र (2026) में विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिलेबस शुरू करने की तैयारी कर रहा है। विभाग इसे 4 फेज में लागू करेगा। पहले फेज में, एआई सिलेबस क्लास 9 के स्टूडेंट के लिए होगी पढ़ाई।
टीचर, क्लास और टीचिंग में एआई एक्यूपमेंट को भी शामिल किया जाएगा, ताकि लेसन को अधिक आकर्षक और व्यावहारिक बनाया जा सके। इस मुहिम को सफल करने के लिए शिक्षा विभाग करीब एक लाख टीचरों को चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग भी देगा।हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी अपने स्तर पर इस मुहिम को मॉनिटर कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि जल्द से जल्द इस पर बचा हुआ काम पूरा कर लिया जाए।
25 से 29 सितंबर तक जिला स्तरीय ट्रेनिंग होगी
डाइट डिंग द्वारा 25 से 29 सितंबर तक एक जिला स्तरीय ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया जाएगा, जहां सिरसा जिले के 50 शिक्षकों को एआई की बुनियादी बातों, परियोजना-आधारित शिक्षा, प्रश्नपत्र डिजाइन और मूल्यांकन तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग अधिकारियों ने बताया कि 5 विषयों में 40-45 मिनट की अवधि में पढ़ाए जाने वाले इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में रचनात्मकता, समस्या-समाधान कौशल और डिजिटल उपकरणों के उपयोग को बढ़ाना है, जिससे उच्च शिक्षा और नौकरियों के लिए उनकी संभावनाएं मजबूत होंगी।
पहले चरण में पाठ्यक्रम सिर्फ 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शुरू होगा। इसके बाद हर साल एक-एक करके 10वीं, 11वीं फिर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एआई पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। एआई के एक पाठ्यक्रम में पांच पार्ट होंगे, जिनमें अलग-अलग तरह के कौशल (स्किल्स) वाले कोर्स बच्चों को पढ़ाए जाएंगे।पाठ्यक्रम की शुरुआत की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। वहीं शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
6वीं से 8वीं के लिए 40 मिनट का चलेगा पीरियड
सरकारी स्कूलों में 6वीं, 7वीं और 8वीं कक्षा में एआई पाठ्यक्रम अभी शामिल नहीं होगा। इन तीनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए 40 मिनट का एआई पीरियड अनिवार्य होगा। इस दौरान प्रशिक्षित शिक्षक इन तीनों कक्षा के विद्यार्थियों को एआई पाठ्यक्रम संबंधित जानकारी देंगे।
पाठ्यक्रम के 100 अंक होंगे
9वीं कक्षा के एआई पाठ्यक्रम में मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क और एआई एप्लीकेशन जैसी मूलभूत श्रेणियां शामिल हैं। इसके जरिए विद्यार्थी एआई से दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले पहलू, उसमें सुधार के प्रारंभिक तरीके और परिणाम को समझेंगे। इसमें 50 अंकों की व्यावहारिक मूल्यांकन और 50 अंकों की सैद्धांतिक परीक्षाएं शामिल हैं, जो कुल 100 अंकों की होंगी।
मॉडल स्कूल और पीएमश्री स्कूलों में चल रहा पाठ्यक्रम
प्रदेश के सभी मॉडल स्कूल और पीएमश्री स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से पाठ्यक्रम चलते हैं। इसी कारण इन स्कूलों में पहले से एआई पाठ्यक्रम चल रहे हैं। कुल 468 सरकारी मॉडल संस्कृति (जीएमएस) और पीएमश्री माध्यमिक उच्च विद्यालय और 1420 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल हैं।
पाठ्यक्रम के चार भाग में 16 इकाइयां शामिल
पार्ट-ए : रोजगार कौशल
यूनिट-1 : संचार कौशल-1
यूनिट-2 : स्व-प्रबंधन कौशल-1
यूनिट-3 : आईसीटी कौशल-1
यूनिट-4 : उद्यमी कौशल-1
यूनिट-5 : हरित कौशल-1
भाग-बी : विषय विशेष कौशल
यूनिट-1 : एआई रिफ्लेक्शन, प्रोजेक्ट साइकिल और नैतिकता
यूनिट-2 : डेटा साक्षरता
यूनिट-3 : एआई के लिए गणित (सांख्यिकी और संभावना)
यूनिट-4 : जनरेटिव एआई का परिचय
यूनिट-5 : पायथन का परिचय
भाग-सी : व्यावहारिक कार्य
प्रैक्टिकल परीक्षा
इनपुट-आउटपुट फ़ंक्शन का उपयोग करके सरल प्रोग्राम
चर, अंकगणितीय ऑपरेटर, अभिव्यक्तियां, डेटा प्रकार
नियंत्रण और शर्तों का प्रवाह
सूचियां (इन विषयों पर आधारित कोई भी 3 प्रोग्राम)
भाग-डी : परियोजना कार्य, क्षेत्र भ्रमण, छात्र पोर्टफोलियो
प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग को नई उंचाइयों पर ले जाने की योजना तैयार कर चुकी है। आज के डिजिटल दौर में तकनीकी पढ़ाई की काफी आवश्यकता और मांग है। इसी के तहत सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को एआई पाठ्यक्रम पढ़ाने की मंजूरी दी गई है, जोकि आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। बच्चे तकनीकी पढ़ाई के दक्षता हासिल कर भविष्य में रोजगार करने नहीं बल्कि रोजगार देने वाले भी बनेंगे। -महिपाल ढांडा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा।
एससीईआरटी ने बनाया 5 डे ट्रेनिंग मॉड्यूल
हरियाणा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने शिक्षकों के लिए एक व्यापक पांच-डेट ट्रेनिंग मॉड्यूल विकसित किया है, जिसमें बुनियादी एआई अवधारणाएं, त्वरित इंजीनियरिंग, कक्षा अनुप्रयोग, मूल्यांकन और परीक्षा की तैयारी शामिल है।
प्रत्येक जिले के दो मास्टर ट्रेनर को पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब वे अन्य शिक्षकों के लिए सत्र संचालित करेंगे।
अभी तक बच्चे सिर्फ ये सीख रहे
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एआई क्लास शुरू करना छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। उन्होंने बताया, अब तक, छात्रों को केवल बुनियादी ई-सामग्री कौशल जैसे ईमेल आईडी बनाना, ईमेल भेजना और फाइलें डाउनलोड करना ही सिखाया जाता था।
एआई एकीकरण के साथ, शिक्षक अपनी कल्पनाशीलता का उपयोग करके छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा दे सकेंगे और बेहतर उदाहरणों के साथ पाठ प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एआई शिक्षकों को स्लाइड, ग्राफिक्स, तालिकाएं और नोट्स बनाने जैसे नियमित कार्यों में अधिक कुशलता से मदद करेगा।