पटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के अपमान के खिलाफ एनडीए सड़कों पर उतर आया है. कांग्रेस के एक कार्यक्रम में हुई घटना के विरोध में एनडीए ने आज 'बिहार बंद' का आह्वान किया है. सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक बंद का ऐलान किया गया है जिसके तहत अलग-अलग शहरों में एनडीए कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं किया जा रहा है.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, 'कुछ दिन पहले इंडिया गठबंधन के मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां को गाली दी गई थी. आज एनडीए ने पीएम मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में पांच घंटे का बिहार बंद बुलाया है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.'
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'यह बहुत ही शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां को गाली दी गई और आज तक माफी नहीं मांगी गई. मैं राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से कहना चाहता हूं कि अगर हमारी पार्टी का कोई नेता ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता तो हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते… हम इसकी निंदा करते हैं. भारत की संस्कृति मां का सम्मान करना है… अगर हमारी पार्टी का कोई नेता ऐसी भाषा बोलता तो हम कार्रवाई भी करते और माफी भी मांगते… बिहार की जनता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को करारा जवाब देगी.'
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच दरभंगा में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर दी गई गाली को बीजेपी ने सियासी मुद्दा बना दिया है. इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को एनडीए ने बिहार बंद बुलाया है, जो दोपहर एक बजे तक रहेगा.
बीजेपी और एनडीए ने पीएम मोदी की मां के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को महिला अस्मिता से जोड़ दिया है. यही वजह है कि बीजेपी की महिला मोर्चा ने बिहार की सड़क पर फ्रंटफुट पर उतरकर महागठबंधन के खिलाफ माहौल बनाया है.
बीजेपी की महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ एनडीए के तमाम बड़े नेता भी बिहार की अलग-अलग शहरों की सड़क पर उतरेंगे और महागठबंधन को महिला विरोधी के कठघरे में खड़े करेंगे. इस तरह एनडीए की बिहार चुनाव से पहले गाली कांड को भावनात्मक मुद्दा बनाकर आरजेडी-कांग्रेस को घेरने की रणनीति है.
बीजेपी विधायक संजय मयूख ने कहा, 'बिहार की माताएं और बहनें एनडीए की ओर से बुलाए गए बंद में हिस्सा ले रही हैं. महागठबंधन के कार्यक्रम में पीएम मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर आप भाग नहीं सकते. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को बिहार की जनता करारा जवाब देगी.'
गयाजी में भी बड़ी संख्या में महिलाएं बीजेपी के झंडों के साथ सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करती नजर आईं.
पटना के दानापुर समेत कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को टायर जलाकर विरोध करते हुए देखा गया.
बीजेपी ने इस बंद की कमान महिला मोर्चा को सौंपी है. पटना में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन कर रही हैं.
एनडीए के सभी घटक दल इस बंद में शामिल हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अन्य सहयोगी दलों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस इसका ऐलान किया था. खास बात यह है कि पार्टी ने इस बंद की कमान महिला मोर्चा को सौंपी है. एनडीए नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की मां को गाली देकर उनका अपमान किया गया है और इस तरह के व्यवहार का कड़ा विरोध किया जाएगा.
एनडीए के 'बिहार बंद' को लेकर विपक्षी दलों ने भी सियासी हमले शुरू कर दिए हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश में हंसते रहे और भारत लौटते ही रोने लगे. उन्होंने तंज कसा कि सरकार के लोग ही बिहार बंद करा रहे हैं. तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बिहार यात्रा में उमड़े जनसैलाब से डरी हुई है, इसलिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं.
'गाली कांड' बना चुनावी मुद्दा
बिहार में राहुल गांधी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा बनाने के लिए 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाली थी. इस दौरान दरभंगा में कांग्रेस और आरजेडी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसे लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को पीएम मोदी ने जीविका दीदी को संबोधित करते हुए कहा था, "मां के अपमान के लिए मैं एक बार कांग्रेस को क्षमा कर सकता हूं, बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी." इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इसे बिहार और देश की महिला अस्मिता का मुद्दा बना दिया.
पीएम मोदी के बयान के बाद एनडीए की महिला ब्रिगेड ने भी मोर्चा खोल दिया है. पीएम की मां को सार्वजनिक रूप से गाली देना बिहार चुनाव में मुद्दा बन गया है. इसी मद्देनजर 4 सितंबर को बीजेपी ने बिहार बंद का ऐलान भी कर दिया है, जिसमें सिर्फ बीजेपी नेता और उसके कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि एनडीए के सभी घटक दल के नेता और कार्यकर्ता एक साथ सड़क पर उतर गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर एनडीए ने बिहार बंद बुलाया है, जिसके लिए एक दिन पहले ही अखबारों में एनडीए की तरफ से विज्ञापन दिया गया था, जिसमें लोगों से 4 सितंबर को बिहार बंद में स्वेच्छा से शामिल होने की भावुक अपील की गई है. विज्ञापन में एक मां का फोटो और भड़कते हुए शख्स की फोटो भी लगाई गई है. इतना ही नहीं साफ-साफ शब्दों में लिखा गया है कि पीएम मोदी की मां को कांग्रेस-आरजेडी के मंच से जिस प्रकार गाली दी गई है, उससे संपूर्ण बिहार को शर्मसार और कलंकित किया गया है.
बीजेपी महिला मोर्चा फ्रंट पर उतरा
बिहार बंद का नेतृत्व बीजेपी महिला मोर्चा कर रही है. इसकी सबसे बड़ी झलक पटना में दिख रही है, जहां बड़ी संख्या में महिला मोर्चा की कार्यकर्ता सड़कों पर उतरी हैं. बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष धर्मशिला गुप्ता के नेतृत्व में पटना के इनकम टैक्स गोलंबर से डाक बंगला चौराहे तक मार्च निकालने का भी प्लान बनाया है. मार्च में महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी के सभी बड़े नेता भी शामिल हैं.
बीजेपी नेता अनामिका पासवान ने कहा है कि महागठबंधन की संस्कृति ही गाली गलौज की है. वे लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते हैं. बिहार का महिला समाज व्यथित है और इसके खिलाफ हम लोग सड़क पर उतरे हैं. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव माफी नहीं मांग लेते. इस तरह साफ है कि बीजेपी ने अपनी महिला ब्रिगेड को उतारकर कांग्रेस और आरजेडी के खिलाफ सियासी दांव चल दिया है.
महिला अस्मिता साबित होगा 'ट्रंप कार्ड'
बिहार में 2 करोड़ 96 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. बीजेपी और उसके सहयोगी दल के नेता यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी और उनकी मां के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी पूरे महिला समुदाय का अपमान है. इसके अलावा अति पिछड़ों के बीच भी यह संदेश देने की कोशिश है कि अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले नेता के माता के प्रति कांग्रेस और आरजेडी के लोग किस तरीके की सोच रखते हैं. इस तरह सियासी नैरेटिव सेट करने और महिला अस्मिता का दांव बीजेपी चल रही है.
बिहार की सियासत में महिला वोटर काफी अहम और निर्णायक रोल अदा करती हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में 243 में से 167 सीट पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया था. 2020 में पुरुषों का मतदान 54 फीसदी था जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 60 फीसदी था.
वोटिंग पैटर्न देखें तो 41 फीसदी महिलाओं ने एनडीए गठबंधन को वोट दिया था और 31 फीसदी महागठबंधन को वोट दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि एनडीए की जीत में साइलेंट वोटर यानि महिलाओं का अहम रोल था. यही वजह है कि बीजेपी पीएम मोदी की मां पर की गई टिप्पणी को चुनावी मुद्दा बनाकर सियासी माहौल बनाने में जुट गई है.