पठानकोट
पंजाब पिछले एक महीने से भीषण बाढ़ संकट से जूझ रहा है. 1 अगस्त से अब तक बाढ़ के कारण राज्य में 30 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा करार दिया है. सूबे में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के साथ मौसमी नालों में बढ़े जलस्तर से कई जिलों में भारी तबाही मची है.
बाढ़ से सबसे ज्यादा असर अमृतसर में देखा गया है, जहां 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद फिरोजपुर में 24,015, फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053, गुरदासपुर में 14,500, होशियारपुर में 1,152, एसएएस नगर में 7,000, कपूरथला में 5,650, मोगा में 800, जालंधर में 653, मानसा में 163 और बरनाला में 59 लोग प्रभावित हुए हैं.
राज्य सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं. अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की मौत हुई. बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई. पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सबसे ज्यादा 5,549 लोगों को गुरदासपुर में बचाया गया, जबकि फिरोजपुर में 3,321, फाजिल्का में 2,049, अमृतसर में 1,700 और पठानकोट में 1,139 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है.
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद उफनती सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के कारण पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ आई है.
1300 से ज्यादा गांवों में ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
पंजाब में बाढ़ की चपेट में अब तक कमोबेश गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें गुरदासपुर में 321, अमृतसर में 88, बरनाला में 24, फाजिल्का में 72, फिरोजपुर में 76, होशियारपुर में 94, जालंधर 55, कपूरथला में 115, मानसा में 77, मोगा में 39 और पठानकोट में 82 गांव शामिल हैं. मसलन, 12 जिलों के कमोबेश 1300 गांवों में कुल 2,56,107 लोग बाढ़ की चपेट में हैं.
स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल कैंप
फिरोजपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 400 मेडिकल कैंप लगाए गए, जिनमें अब तक 8,700 मरीजों का इलाज किया गया. मोबाइल मेडिकल टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को दवाइयां और ORS मुहैया करा रही हैं. गर्भवती महिलाओं और बच्चों की विशेष देखभाल पर जोर दिया जा रहा है.
चंडीगढ़ और पंजाब में स्कूल-कॉलेज बंद
चंडीगढ़ में भारी बारिश के चलते मंगलवार को सभी स्कूल बंद करने का ऐलान किया गया है. प्रशासन ने पाटियाला की राव नदी पर भी नजर रखने और निचले इलाकों में समय रहते अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसी तरह पंजाब सरकार ने राज्यभर में कॉलेज, यूनिवर्सिटी और पॉलीटेक्निक इंस्टिट्यूट्स को 3 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है.
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के Copernicus Sentinel-1 के डेटा का इस्तेमाल करके 25 से 31 अगस्त तक बाढ़ग्रस्त इलाकों का विश्लेषण किया. इसमें पता चला कि रावी नदी अपनी सामान्य चौड़ाई से 10 गुना तक फैल गई और हजारों घर, गांव और खेत जलमग्न हो गए.
राज्यपाल करेंगे बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा, सीएम की केंद्र से ये अपील
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 2 से 4 सितंबर तक राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे. इस संबंध में सोमवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई. सोमवार को राज्यपाल सड़क मार्ग से सीमावर्ती जिला फिरोज़पुर के लिए रवाना हुए. प्रेस रिलीज के मुताबिक राज्यपाल 2 सितंबर को फिरोज़पुर और तरनतारन, 3 सितंबर को अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट तथा 4 सितंबर को होशियारपुर और श्री आनंदपुर साहिब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.
राज्य के कई हिस्से भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. ऐसे हालात में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि इस संकट की घड़ी में लोगों को राहत देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने इसे "हाल के इतिहास की सबसे भीषण बाढ़" करार दिया. सीएम मान ने यह भी बताया कि वह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं और सरकार के पास फंसे राज्य के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.
लगातार हो रही भारी बारिश के चलते होशियारपुर जिले में हालात और बिगड़ रहे हैं. गढ़शंकर और होशियारपुर सब-डिवीजन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हकूमतपुर, अलीवालपुर, भाना, ठक्करवाल और खानपुर गांवों में पानी घरों तक घुस गया. अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त महीने में 253.7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 74 प्रतिशत ज्यादा है और पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक दर्ज की गई है.
गढ़शंकर SDM संजीव कुमार ने बताया कि प्रभावित परिवारों को गुरुद्वारों की मदद से पका हुआ खाना मुहैया कराया जा रहा है. वहीं, होशियारपुर SDM ने बताया कि कुकरां बंध टूटने से कई गांवों में पानी भर गया. जिले में अब तक 100 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है और 5,971 हेक्टेयर खेत डूब चुके हैं. यहां 10 राहत कैंप चल रहे हैं, जिनमें 1,041 लोग रह रहे हैं.
खेतीबाड़ी और बुनियादी ढांचे का नुकसान
पंजाब में 96,061 हेक्टेयर खेतीबाड़ी की जमीन बाढ़ की चपेट में आई हैं. पशुधन का भी बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन सही आंकड़े पानी उतरने के बाद ही सामने आएंगे. बुनियादी ढांचे की क्षति का भी आकलन जलस्तर घटने के बाद किया जाएगा.
पूरे राज्य में NDRF, SDRF, आर्मी और पंजाब पुलिस राहत कार्यों में जुटी हैं. NDRF की 20 टीमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा में तैनात की गई हैं. अब तक 14,936 लोगों को सेना, BSF और प्रशासन ने मिलकर सुरक्षित निकाला है.
मसलन, पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राहत-बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन अभी भी लाखों लोग प्रभावित हैं. प्रशासन ने साफ कहा है कि पानी उतरने के बाद ही वास्तविक नुकसान का पूरा आकलन किया जा सकेगा.