नई दिल्ली
अफगानिस्तान में रविवार देर रात आए भीषण भूकंप ने पूर्वी इलाकों में जमकर तबाही मचाई है। रिक्टर स्केल पर 6.0 तीव्रता वाले इस भूकंप ने नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर और कुनार प्रांत के कई कस्बों को प्रभावित किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई गांवों में भारी तबाही हुई है। इस विनाशकारी आपदा के बाद भारत ने तत्परता से राहत सहायता भेजी है। भारत सरकार की ओर से 1,000 फैमिली टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री काबुल पहुंचाई गई है। इसके अलावा, आने वाले दिनों में और अधिक राहत सामग्री भेजी जाएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दी जानकारी
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया, "आज अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी से बात की। भूकंप में हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की। भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू पहुंचाए हैं। भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुंचाई जा रही है। कल से भारत से और राहत सामग्री भेजी जाएगी। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जानमाल की हानि से गहरा दुख हुआ है। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है।"
तालिबान सरकार का बयान
तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता के अनुसार, भूकंप ने पूर्वी अफगानिस्तान के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। सैकड़ों मकान ढह गए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके जलालाबाद और कुनार प्रांत के कस्बे बताए जा रहे हैं।