By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
SW24 NewsSW24 NewsSW24 News
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Search

Archives

  • July 2025
  • June 2025
  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025

Categories

  • SOFTDOWNLOADS
  • Uncategorized
  • WINDOWS11
  • उत्तर प्रदेश
  • करिअर
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • धर्म-अध्यात्म
  • नौकरी
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • लाइफस्टाइल
  • विदेश
  • व्यवसाय
  • Advertise
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
Reading: धरती का सबसे खतरनाक समुद्र! 12 देशों में तबाही ला चुका है ये ‘सुनामी बेल्ट’
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa
SW24 NewsSW24 News
  • देश
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
  • About Us
Search
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
देश

धरती का सबसे खतरनाक समुद्र! 12 देशों में तबाही ला चुका है ये ‘सुनामी बेल्ट’

Editor
Last updated: July 30, 2025 8:02 pm
Editor
Share
8 Min Read
SHARE
धरती का सबसे खतरनाक समुद्र! 12 देशों में तबाही ला चुका है ये ‘सुनामी बेल्ट’
👁️ 447 Views
WhatsApp Share on WhatsApp

नई दिल्ली

रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने प्रशांत महासागर में हलचल मचा दी. इस भूकंप की ताकत इतनी थी कि इसे हिरोशिमा जैसे 9,000 से 14,000 परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर बताया गया. इसने 12 देशों में सुनामी का खतरा पैदा कर दिया, जिससे तटीय इलाकों में तबाही और खौफ का माहौल है.

यह समंदर जिसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर कहते हैं, भूकंप और सुनामी का एक खतरनाक घेरा है. आइए, समझें कि प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर क्या हैं? यह रिंग ऑफ फायर क्या है? इसने किन देशों को प्रभावित किया? यह इतना खतरनाक क्यों है? 

प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर: एक खतरनाक जोड़ी

प्रशांत महासागर दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है, जो 165.25 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है. इसकी औसत गहराई 4,280 मीटर है. यह एशिया और ऑस्ट्रेलिया को पश्चिम में और उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका को पूर्व में जोड़ता है. इस महासागर में कई मार्जिनल सीज़ (उप-सागर) हैं, जिनमें से एक है ओखोत्सक सागर. 

ओखोट्स्क सागर प्रशांत महासागर का एक उत्तर-पश्चिमी हिस्सा है, जो रूस के कामचटका प्रायद्वीप, कुरील द्वीप, जापान के होक्काइडो द्वीप, सखालिन द्वीप और पूर्वी साइबेरियाई तट से घिरा है. यह 1.58 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसकी औसत गहराई 859 मीटर और अधिकतम गहराई 3,372 मीटर है.

इसका नाम रूस के पहले फार ईस्ट बस्ती, ओखोत्सक से आया है, जो ओखोटा नदी के नाम पर है. यह सागर जापान सागर से ला पेरोस स्ट्रेट और सखालिन खाड़ी के जरिए जुड़ा है. 

ओखोत्सक सागर को प्रशांत महासागर का "दिल" कहा जाता है, क्योंकि यह ठंडा पानी, ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रशांत महासागर में भेजता है, जिससे समुद्री जीवन को बढ़ावा मिलता है. लेकिन यह क्षेत्र अपनी जैविक समृद्धि के साथ-साथ भूकंपीय गतिविधियों के लिए भी कुख्यात है.

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर क्या है?

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर एक घेरा है, जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स (धरती की सतह की विशाल चट्टानें) आपस में टकराती हैं. यह घेरा चिली से शुरू होकर दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको, अमेरिका के पश्चिमी तट, अलास्का, जापान, फिलीपींस, न्यू गिनी और न्यूजीलैंड तक फैला है.

दुनिया के 90% भूकंप इसी इलाके में आते हैं. ओखोत्सक सागर इस रिंग का एक हिस्सा है, जो कामचटका और कुरील द्वीपों के पास भूकंपीय रूप से बहुत सक्रिय है. जब इन टेक्टोनिक प्लेट्स में टकराव या हलचल होती है, तो समुद्र का तल हिल जाता है, जिससे सुनामी की लहरें पैदा होती हैं. 30 जुलाई 2025 का कामचटका भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर का हिस्सा था, जिसने प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर में सुनामी का खतरा पैदा किया.

कामचटका भूकंप और सुनामी का खतरा

30 जुलाई 2025 को सुबह 8:25 बजे (कामचटका समय, यानी 4:55 AM IST), रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट से 126 किमी दूर ओखोत्सक सागर में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसकी गहराई सिर्फ 19.3 किमी थी, जिसकी वजह से समुद्र का तल हिल गया और सुनामी की लहरें पैदा हुईं.

प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने बताया कि 1-3 मीटर ऊंची लहरें हवाई, जापान, सोलोमन द्वीप और चिली तक पहुंच सकती हैं, जबकि रूस और इक्वाडोर में 3 मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें संभव हैं. यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसने रूस, जापान, हवाई, कैलिफोर्निया, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस, गुआम और न्यूजीलैंड जैसे 12 देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी. इन देशों के तटीय इलाकों में लाखों लोग खतरे में हैं. कई जगहों पर निकासी शुरू हो चुकी है. 

किन देशों और शहरों में सुनामी का खतरा?

सुनामी की लहरें प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर के तटीय इलाकों तक पहुंच रही हैं. नीचे प्रभावित देशों और उनके प्रमुख शहरों की स्थिति का विवरण है… रूस (कुरील द्वीप, पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की),  जापान (होक्काइडो, तोहोकु, फुकुशिमा), हवाई (होनोलूलू, हिलो, काउई, ओआहु), कैलिफोर्निया (क्रेसेंट सिटी, सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजिल्स), अलास्का (एल्यूशियन द्वीप, अमचित्का, कोडिएक), सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस,  गुआम और नॉर्दर्न मारियाना द्वीप और न्यूजीलैंड.

प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर क्यों हैं खतरनाक?

प्रशांत महासागर और उसका हिस्सा ओखोत्सक सागर दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं. यहां कुछ कारण हैं कि ये इतने खतरनाक हैं… 

टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल: प्रशांत महासागर में प्रशांत प्लेट, उत्तरी अमेरिकी, दक्षिण अमेरिकी और यूरेशियन प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं. ओखोत्सक सागर के पास कुरील-कामचटका ट्रेंच है, जो 9600 मीटर गहरा है और भूकंप का केंद्र है. यह टकराव भूकंप और सुनामी का कारण बनता है.

सुनामी की तेज गति: गहरे समुद्र में सुनामी की लहरें 800 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती हैं, जो एक जेट विमान की गति के बराबर है. तट के पास पहुंचकर ये लहरें धीमी हो जाती हैं (20-30 किमी/घंटा), लेकिन उनकी ऊंचाई बढ़ जाती है. 

ओखोत्सक सागर में अमूर नदी से आने वाला ताजा पानी सतह की लवणता कम करता है, जिससे बर्फ जमने का तापमान बढ़ता है. सुनामी का प्रभाव बदल सकता है.

ऐतिहासिक तबाही: 2004 का हिंद महासागर सुनामी (9.1 तीव्रता) और 2011 का तोहोकु भूकंप (9.0 तीव्रता) प्रशांत रिंग ऑफ फायर की ताकत को दिखाते हैं. 2004 में 14 देशों में 2,27,898 लोग मारे गए थे. 2011 में जापान में 18,000 से ज्यादा मौतें हुईं. ओखोत्सक सागर में भी 1952 का कामचटका भूकंप (9.0 तीव्रता) एक बड़ा उदाहरण है, जिसने भारी तबाही मचाई थी.

ज्वालामुखी और भूस्खलन: प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर में ज्वालामुखी और भूस्खलन भी सुनामी पैदा कर सकते हैं. 1958 में अलास्का के लितुया बे में भूस्खलन से 524 मीटर ऊंची सुनामी लहर उठी थी.

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: ओखोत्सक सागर में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जो वैश्विक औसत से तीन गुना तेज है. इससे बर्फ का निर्माण कम हो रहा है, जो समुद्री जीवन और सुनामी की गतिशीलता को प्रभावित करता है.

ओखोत्सक सागर की अनूठी विशेषताएं

जैविक समृद्धि: ओखोत्सक सागर दुनिया के सबसे जैविक रूप से उत्पादक सागरों में से एक है. इसमें सैल्मन, हेरिंग, पोलक, फ्लाउंडर और क्रैब जैसे समुद्री जीव प्रचुर मात्रा में हैं. स्टेलर समुद्री शेर, सील और व्हेल भी यहां पाए जाते हैं. कुरील द्वीपों पर क्रेस्टेड औकलेट्स और स्टेलर समुद्री ईगल जैसे पक्षी प्रजनन करते हैं.

ठंडा जलवायु: ओखोत्सक सागर पूर्वी एशिया का सबसे ठंडा सागर है. सर्दियों में इसका तापमान आर्कटिक जैसा हो जाता है. बर्फ की मोटी परत जम जाती है. यह बर्फ अमूर नदी के ताजे पानी और साइबेरिया की ठंडी हवाओं के कारण बनती है.  

आर्थिक महत्व: ओखोत्सक सागर में हाल ही में 3.5 बिलियन टन तेल और गैस के भंडार मिले हैं, जो रूस के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं. मछली पकड़ना और तेल खनन इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का आधार हैं.  

 

TAGGED: Earthquake Tsunami, featured

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
What do you think?
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article थार में इतिहास की नई कहानी: जैसलमेर में मिले 4500 साल पुराने हड़प्पा सभ्यता के अवशेष
Next Article अमेरिका दौरे पर ओपी चौधरी: प्रवासी छत्तीसगढ़ियों को राज्य विकास से जोड़ने की पहल
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3kFollowersLike
69.1kFollowersFollow
11.6kFollowersPin
56.4kFollowersFollow
136kSubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

तेज रफ्तार ट्रैक्टर की टक्कर से बच्ची की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम
देश राजस्थान July 31, 2025
राज्य में भूस्खलन से 302 सड़कें बंद, कई हिस्सों में सात दिन का भारी बारिश अलर्ट
देश July 31, 2025
मालेगांव फैसले पर संत समाज ने मनाया उत्सव, उमा भारती की आंखों में आए आंसू
देश मध्य प्रदेश July 31, 2025
आईआईटी कानपुर के प्रो. अजीत चतुर्वेदी बने बीएचयू के नए कुलपति
उत्तर प्रदेश देश July 31, 2025

Recent Posts

  • तेज रफ्तार ट्रैक्टर की टक्कर से बच्ची की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम
  • राज्य में भूस्खलन से 302 सड़कें बंद, कई हिस्सों में सात दिन का भारी बारिश अलर्ट
  • मालेगांव फैसले पर संत समाज ने मनाया उत्सव, उमा भारती की आंखों में आए आंसू
  • आईआईटी कानपुर के प्रो. अजीत चतुर्वेदी बने बीएचयू के नए कुलपति
  • स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए अब 14 अगस्त तक होगा अतिरिक्त सीएलसी चरण

Recent Comments

No comments to show.

Top Categories

  • Advertise with us
  • Newsletters
  • Deal
SW24 NewsSW24 News
Follow US
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?