भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने न केवल आंतरिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की आवाज़ को निर्णायक और सम्मानजनक मान्यता मिली है। "ऑपरेशन सिंदूर" इस बात का प्रतीक है कि भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह विश्वास दिलाया है कि हर भारतीय, चाहे वो कहीं भी हो, भारत सरकार उसकी ढाल बनकर खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में सहभागिता कर संबोधित कर रहे थे। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित उक्त राज्यों के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत 'विकसित भारत 2047' के जिस मार्ग पर चल रहा है, उसमें राज्यों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। नीति आयोग, मुख्यमंत्री परिषद् और क्षेत्रीय परिषद जैसे संस्थागत तंत्र ने इन्हें केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि 'समाधान का माध्यम' बनाया है। हमें सिखाया गया है कि विचारधाराएँ अलग हो सकती हैं, लेकिन देश का भविष्य साझा है; दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य एक 'सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत' होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह क्षेत्रीय परिषद केवल प्रशासनिक विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि सहकारी संघवाद की जीवंत अभिव्यक्ति है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है लेकिन उसकी गति, उसका विकास 'टीम इंडिया' की भावना में निहित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की धरती काशी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक का आयोजन हो रहा है। हमारा सौभाग्य है कि हम भगवान श्रीराम, आराध्य श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और भगवान शिव के प्रिय निवास स्थान उत्तर प्रदेश की पुण्यभूमि पर एकत्रित हुए हैं। भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को केवल संवैधानिक प्रावधान नहीं बल्कि संवेदनशील नेतृत्व और संकल्प की शक्ति ही जीवंत बनाती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में देखा गया है कि चाहे आपदा प्रबंधन हो, आंतरिक सुरक्षा या अधोसंरचना विकास, जब राज्य एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो भारत की गति दोगुनी हो जाती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नियमित संवाद, केंद्र-राज्य समन्वय समितियाँ और निवेश सम्मेलन इन सभी माध्यमों से संघीय व्यवस्था को नया बल मिला है। प्रधानमंत्री ने इस धारणा को बदल दिया है कि 'राज्य और केंद्र' प्रतिस्पर्धी हैं। अब हम 'राज्य और केंद्र' साझेदार हैं, इस सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में लागू की गई थी। योजना अंतर्गत SECC के हितग्राहियों पर होने वाले व्यय का वहन भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा 60: 40 के अनुपात में किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रतिवर्ष प्रति परिवार व्यय की अधिकतम सीमा राशि 1052 रूपये सीलिंग निर्धारित की गई है, जो कि वर्ष 2018 से आज तक यथावत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्धारित सीलिंग को बढ़ाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभागों में अलग-अलग पोर्टल होने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पैरामीटर को ट्रैकिंग करने में कठिनाई आ रही है इसका समाधान करने के लिए एक इंटीग्रेटेड पोर्टल विकसित किए जाने की आवश्यकता है।