भिवानी
राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के बयान पर किरण चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि साल 2004 में उन्हें कांग्रेस और हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की ओर से राज्यसभा का संयुक्त प्रत्याशी बनाया गया था। उस समय प्रदेश में ओमप्रकाश चौटाला की सरकार थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उस चुनाव में किसी तरह से छह निर्दलीय विधायकों को अयोग्य करार दे दिया गया, फिर भी सरकार के पास बहुमत था। लेकिन एक वोट को इस आधार पर अमान्य घोषित कर दिया गया कि उस पर पेन से बिंदी लगा दी गई थी। किरण चौधरी ने बताया कि इसके फैसले के खिलाफ 2004 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं आया और उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि अमान्य वोट किसका था।
किरण चौधरी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों ‘षड्यंत्र के मास्टरमाइंड’ हैं। उन्होंने कहा कि 2016 में हुए 'स्याही कांड' में भी कई वोट बलि चढ़ गए, लेकिन आज तक यह साफ नहीं हो पाया कि उसके पीछे कौन था। किरण ने आरोप लगाया कि यह सब कुछ हुड्डा द्वारा कांग्रेस को खत्म करने की साजिश थी। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि मैं उनका धन्यवाद करूंगी, अगर उन्होंने मुझे परेशान नहीं किया होता, तो मैं आज भाजपा में न होती।
बुधवार को पंचायत भवन पंचायत भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान किरण चौधरी ने दीपेंद्र हुड्डा पर तंज कसते हुए कहा कि दीपेंद्र हुड्डा कार्तिकेय शर्मा का वीडियो ट्वीट कर ‘सत्यमेव जयते’ लिखते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो हरियाणा में पंचकूला से गुरुग्राम तक सब कुछ नाप चुका है, जो रोज सीबीआई कोर्ट में खड़ा रहता है, वह आज सत्यमेव जयते की बात करता है। जब पत्रकारों ने अभय चौटाला के एक दिन के मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर सवाल किया तो किरण ने कहा कि हरियाणा की जनता ने चौटाला शासनकाल देखा है, इस बारे में मैं क्या ही कहूं।