नई दिल्ली
कांग्रेस ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए अपने चार सांसदों के नाम सरकार को भेज दिए हैं। इनमें असम से आने वाले गौरव गोगोई का भी नाम शामिल है। उनका नाम कांग्रेस की लिस्ट में देखकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सराम ने पलटवार किया है। सरमा ने ट्वीट कर कहा, "लिस्ट में शामिल सांसदों में से एक ने पाकिस्तान में अपने लंबे समय तक रहने से इनकार नहीं किया है। कथित तौर पर वह दो सप्ताह तक पाकिस्तान में रहे हैं। विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक NGO से वेतन ले रही थी।''
सरमा ने आगे कहा, ''राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से परे, मैं लोकसभा के नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि इस व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक काम में शामिल न करें।" इससे पहले कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने यह जानकारी देते हुए बताया की पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा से दो-दो सदस्यों के नाम इस प्रतिनिधिमंडल मैं शामिल होने के लिए भेजें हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जिन सांसदों के नाम प्रतिनिधिमंडल के लिए भेजे हैं उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन तथा राजा बरार शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात कर कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए पार्टी के चार सांसदों के नाम देने का आग्रह किया था। पार्टी ने कल दोपहर तक कांग्रेस की ओर से सरकार को नाम भेज दिए थे।
सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों समेत प्रमुख साझेदार देशों में इस महीने के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी जो पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के संदेश को उन तक पहुंचाएंगे। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने लेकर जाएंगे।" सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं का सोच समझ कर चयन किया है, जिन्हें मुखर माना जाता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद संजय झा, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। इनमें से चार नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हैं, जबकि तीन विपक्षी ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन से हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल के करीब पांच देशों का दौरा करने की संभावना है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे। बयान में कहा गया है, "ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे।"