By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
SW24 NewsSW24 NewsSW24 News
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Search

Archives

  • September 2025
  • August 2025
  • July 2025
  • June 2025
  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025

Categories

  • SOFTDOWNLOADS
  • Uncategorized
  • WINDOWS11
  • उत्तर प्रदेश
  • करिअर
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • धर्म-अध्यात्म
  • नौकरी
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • लाइफस्टाइल
  • विदेश
  • व्यवसाय
  • Advertise
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
Reading: जल की बूंद-बूंद बचायें, जल से ही सुरक्षित होगा हमारा कल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa
SW24 NewsSW24 News
  • देश
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
  • About Us
Search
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
देशमध्य प्रदेश

जल की बूंद-बूंद बचायें, जल से ही सुरक्षित होगा हमारा कल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Editor
Last updated: March 13, 2025 11:02 am
Editor
Share
14 Min Read
SHARE
जल की बूंद-बूंद बचायें, जल से ही सुरक्षित होगा हमारा कल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
👁️ 177 Views
WhatsApp Share on WhatsApp
  •  
  • जल की बूंद-बूंद बचायें, जल से ही सुरक्षित होगा हमारा कल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
  • 30 मार्च को गुड़ी पड़वा से होगा 90 दिवसीय जल गंगा जल संवर्धन अभियान का शुभारंभ
  • उज्जैन में क्षिप्रा तट से होगी प्रदेशव्यापी जल संरक्षण अभियान की शुरुआत
  • 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा अभियान
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन सहित 12 से अधिक विभाग करेंगे सहभागिता
  • अभियान में होगा 50 हजार नए खेत-तालाबों का निर्माण
  • वर्षा जल भंडारण के लिए सभी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार पर दें विशेष ध्यान
  • जल स्त्रोतों का रख-रखाव अब पंचायतें एवं स्थानीय जन करेंगे
  • अभियान में प्रदेशभर में तैयार किए जाएंगे 1 लाख जलदूत
  • अभियान के क्रियान्वयन संबंधी बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण में तेजी लाने के दिये निर्देश

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पानी से ही जिंदगानी है। हम सभी को जल की बूंद-बूंद बचाने की जरूरत है। जल से ही हम सबका आने वाला कल सुरक्षित है। जल गंगा जल संवर्धन अभियान में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक गतिविधियां चलाई जाएं। जन सामान्य में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार विभिन्न विभागों, सामाजिक संगठनों और आम जनता की भागीदारी से जल संरक्षण गतिविधियों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाएगी। अभियान में वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में हुई 'जल गंगा जल संवर्धन अभियान' की बैठक ये निर्देश दिए। जल गंगा संवर्धन अभियान गुड़ी पड़वा 30 मार्च से प्रारंभ होकर 30 जून 2025 तक तीन माह लगातार चलेगा।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी अनुपम राजन, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, अभियान से जुड़े अन्य विभागों के प्रमुख सचिव सहित सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें। उन्होंने कहा कि जल गंगा जल संवर्धन अभियान से प्रदेश में जल संकट को कम करने में मदद मिलेगी और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

जल संरक्षण के लिए उठाए जाएं ठोस कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान के अंतर्गत जल संचय की विभिन्न गतिविधियां चलाई जाएं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण एवं जल स्रोतों का पुनर्जीवन, गांव-गांव में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यों के अलावा सामुदायिक सहभागिता के जरिए जल संरक्षण के प्रयास किए जाएं। अभियान को सफल बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के सभी नागरिकों से भी अपील की कि वे जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय योगदान दें और प्रदेश में अभियान के दौरान इसे एक को जन-आंदोलन बनायें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों पर प्याऊ की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए सकारात्मक अभियान की शुरुआत की जाए। ग्रीष्मकाल में शासकीय स्कूलों में जल संरक्षण की गतिविधियां आयोजित की जाएं। बच्चों के लिए पीने के पानी की टंकी की साफ-सफाई कराई जाए, जिससे विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, नदियों पर छोटे बांध निर्माण एवं नदियों के संरक्षण के लिए जलधारा के आसपास फलदार पौधों के रोपण और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए है।

राज्य स्तरीय जल गंगा जल संवर्धन अभियान का शुभारंभ आगामी 30 मार्च को वर्ष प्रतिपदा के दिन से उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट से किया जाएगा। लगभग 90 दिन चलने वाले 'जल गंगा जल संवर्धन अभियान' का समापन 30 जून 2025 को होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रदेश व्यापी जल संवर्धन अभियान में जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि सहित 12 से अधिक अन्य विभाग एवं प्राधिकरण एक साथ मिलकर कार्य करेंगे। अभियान की थीम 'जन सहभागिता से जल स्त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण' रखी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी का जल संरक्षण अभियान अब बना जन आंदोलन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रामीण आबादी को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध कराने के लिए पंचायत स्तर पर तालाबों के निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांव-गांव में लोगों को पेयजल एवं किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। साथ ही गर्मी के मौसम में वन्य जीवों को भी कोई परेशानी न हो और उन्हें पानी मिले, इसके लिए वन क्षेत्र और प्राणी उद्यानों में जल संरचनाओं को पुनर्विकसित किया जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जल संरक्षण अभियान देशभर में एक व्यापक जन-आंदोलन बन चुका है। मध्यप्रदेश सरकार भी 'खेत का पानी खेत में – गांव का पानी गांव में' के सिद्धांत पर जल संरक्षण की दिशा में अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को प्रदेश की ऐसी सभी नदियों का रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए, जहां जल धाराओं में मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुआ समेत अन्य जलीय जीवों को पुनर्स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि नर्मदा में डॉल्फिन मछली को छोड़ने की संभावनाओं पर भी विचार किया जाए। इन सभी प्रयासों से नदियों और जलीय जीवों दोनों का संरक्षण होगा।

50 हजार नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जल गंगा जल संवर्धन अभियान में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्त्रोतों एवं देवालयों में कार्य किए जाएंगे। मंदिरों के निकट जल स्त्रोतों की सफाई में संतों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय समुदाय एवं प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। विक्रम संवत् के पहले दिन वरुण पूजन और जलाभिषेक के साथ अभियान की विधिवत शुरुआत की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अमृत सरोवर अभियान में 1000 नए तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इन विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है। तालाब निर्माण के लिए अब तक 300 स्थानों का चयन किया जा चुका है, जियोग्रॉफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) पद्धति से शेष स्थानों की चयन प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। साथ ही 100 करोड़ रूपए की लागत से 50 हजार नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे, ताकि लघु एवं सीमांत किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिले। विभाग द्वारा वर्ष-2025 में एक लाख नए खेत-तालाब बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

नदी संरक्षण के लिए स्त्रोत के कैचमेंट पर कार्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस व्यापक अभियान में प्रदेश की 50 से अधिक नदियों के वॉटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया जाएगा। बेतवा सहित अन्य नदियों की जल धाराएं न टूटें, इसके लिए जनसमुदाय की सहभागिता से गेबियन संरचना, ट्रेंच, पौधरोपण, चेकडैम और तालाब निर्माण आदि का विकास कार्य किए जाएंगे। इस कार्य में आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्थाओं को भी जल गंगा जल संवर्धन अभियान में साथ जोड़ा जाए। इसके अलावा मोबाइल ऐप से नर्मदा परिक्रमा पथ का चिन्हांकन कर मनरेगा के माध्यम से जल संरक्षण एवं पौधरोपण की कार्य योजना तैयार की जाए।

प्रदेशभर में तैयार किए जाएंगे 1 लाख जलदूत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित कर पूर्व निर्मित जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार कार्य शुरू किए जाएंगे। प्रदेशभर के तालाबों के गहरीकरण पर विशेष जोर दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपाल आयोजित की जाएंगी, जिससे ग्रामीणजन जल संरक्षण के महत्व एवं अभियान में भागीदारी बन सकें। पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण देकर स्थानीय लोगों को जल संरचनाओं के रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसमें उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा। अभियान के अंतर्गत हर ग्राम से 2 से 3 महिला-पुरुष का चयन कर प्रदेशभर में 1 लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे। साथ ही सीवेज का गंदा पानी जल स्त्रोतों में मिलने से रोकने के लिए सोक पिट निर्माण को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

90 दिनों में 90 लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाएं होंगी लोकार्पित

बैठक में जल गंगा जल संवर्धन के क्रियान्वयन से जुड़े प्रमुख विभागों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जल संसाधन विभाग ने नहरों के संरक्षण, जलाशयों से रिसाव रोकने, तालाबों की पिचिंग, बैराज मरम्मत कार्य के सुझाव रखे। अपर मुख्य सचिव जल संसाधन डॉ. राजौरा ने बताया कि अभियान के 90 दिनों में प्रदेश की 90 लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को लोकार्पित कर दिया जाएगा। साथ ही अन्य जल संरचनाओं के कार्य भी पूर्ण किए जाएंगे। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पी. नरहरि ने नल जल स्त्रोतों की जिओ टेगिंग एवं भूजल पुनर्भंडारण के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की कार्य योजना में 54 जल संरचनाओं के संवर्धन किए जाने की जानकारी दी। अभियान के दौरान संस्कृति विभाग सदानीरा फिल्म समारोह, जल सम्मेलन, प्रदेश की जल परंपराओं पर आख्यान, चित्र प्रदर्शनी समेत विभिन्न आयोजन करेगा। इसके लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है।

जल गंगा जल संवर्धन अभियान 2024 की स्थिति

बैठक में बताया गया कि गत वर्ष 5 जून से 30 जून 2024 तक जल गंगा जल संवर्धन अभियान चलाया गया था। इस अवधि में 1056 करोड़ की लागत से 38 हजार 851 नवीन कार्य किए गए। 302 करोड़ से अधिक राशि 21 हजार 577 जीर्णोद्धार/सुधार कार्यों पर खर्च की गई थी। वर्ष 2024 में 5672 पुरानी बावड़ियों एवं कुओं का जीर्णोद्धार किया गया। 93 करोड़ रुपए की लागत से 3751 नए कुएं निर्मित किए गए थे। साथ ही 7709 तालाबों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार पर 616 करोड़ की राशि खर्च हुए थे। इसी प्रकार 2925 चेक डैम एवं स्टॉप डैम निर्माण एवं जीर्णोद्धार में 119 करोड़ रुपए की लागत आई। 7158 रिचार्ज पिट और रीचार्ज शॉफ्ट निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण किया गया। अन्य जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों में लगभग 458 करोड़ रुपए की लागत से 30 हजार से अधिक कार्य किए गए।

अभियान में जल संसाधन विभाग द्वारा की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां

  •     प्रदेश की सभी नहरों को विलेज-मेप पर राजस्व विभाग की सहायता से मार्क कर विलेज-मेप पर "शासकीय नहर" के रूप में अंकित किया जाएगा।
  •     बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
  •     नहर के अंतिम छोर पर जहां नहर समाप्त होकर किसी नाले मे मिलती है, उस स्थान पर किलो मीटर स्टोन लगाया जायेगा।
  •     करीब 40 हजार किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली में मनरेगा की सहायता से सफाई कार्य किये जायेंगे।
  •     जलाशयों में यदि रिसाव की स्थिति हो, तो रिसाव रोकने के लिये पडल तथा आवश्यक हटिंग कार्य भी किये जा रहे हैं।
  •     तालाब के पाल (बंड) की मिट्टी के कटाव अथवा क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें पुनः निर्मित किया जायेगा।
  •     तालाबों की पिचिंग, बोल्डर टो तथा घाट आदि की मरम्मत कार्य किए जाएंगे।
  •     स्टॉपडेम, बैराज, वियर में गेट लगाना तथा मेन-वॉल, साइड-वॉल, की-वॉल, एप्रॉन इत्यादि में मरम्मत/अतिरिक्त निर्माण कार्य किए जाएंगे।
  •     जल संरचनाओं के किनारों पर यथा संभव बफर-जोन तैयार कर जल संरचनाओं के किनारों पर अतिक्रमण को रोकने के लिये फेंसिंग के रूप में अधिकाधिक पौधारोपण कार्य किए जाएंगे।
  •     फ्लशबार की मरम्मत कार्य किए जाएंगे।
  •     स्लूस-वैल की सफाई कार्य भी इसी अभियान के दौरान किए जायेंगे।

 

TAGGED: featured, mohan

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
What do you think?
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article मध्यप्रदेश का बजट जल जीवन मिशन को देगा नई गति: मंत्री श्रीमती उइके
Next Article उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3kFollowersLike
69.1kFollowersFollow
11.6kFollowersPin
56.4kFollowersFollow
136kSubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

महासमुंद : बलराम जयंती किसान दिवस पर प्राकृतिक खेती पर संगोष्ठी
छत्तीसगढ़ देश September 2, 2025
महासमुंद : बसना-पिथौरा उर्वरक दुकानों का औचक निरीक्षण
छत्तीसगढ़ देश September 2, 2025
एमसीबी : ग्राम पंचायत मेरो की उचित मूल्य दुकान हेतु समितियों से आवेदन आमंत्रित, अंतिम तिथि 11 सितम्बर तक
छत्तीसगढ़ देश September 2, 2025
रायपुर : प्रदेश में अब तक 891.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
छत्तीसगढ़ देश September 2, 2025

Recent Posts

  • महासमुंद : बलराम जयंती किसान दिवस पर प्राकृतिक खेती पर संगोष्ठी
  • महासमुंद : बसना-पिथौरा उर्वरक दुकानों का औचक निरीक्षण
  • एमसीबी : ग्राम पंचायत मेरो की उचित मूल्य दुकान हेतु समितियों से आवेदन आमंत्रित, अंतिम तिथि 11 सितम्बर तक
  • रायपुर : प्रदेश में अब तक 891.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
  • धमतरी : धमतरी शहर में 12 नवनिर्मित सड़कों का होगा निर्माण, विभाग ने 29 करोड़ का दिया प्रस्ताव

Recent Comments

No comments to show.

Top Categories

  • Advertise with us
  • Newsletters
  • Deal
SW24 NewsSW24 News
Follow US
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?