By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
SW24 NewsSW24 NewsSW24 News
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Search

Archives

  • July 2025
  • June 2025
  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025

Categories

  • SOFTDOWNLOADS
  • Uncategorized
  • WINDOWS11
  • उत्तर प्रदेश
  • करिअर
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • धर्म-अध्यात्म
  • नौकरी
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • लाइफस्टाइल
  • विदेश
  • व्यवसाय
  • Advertise
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
Reading: बीएमएचआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता, रेडिएशन जांच के लिए हुआ चयन
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa
SW24 NewsSW24 News
  • देश
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
  • About Us
Search
  • देश
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • राजस्थान
  • विदेश
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • लाइफस्टाइल
    • धर्म-अध्यात्म
    • नौकरी
    • करिअर
  • About Us
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
देशमध्य प्रदेश

बीएमएचआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता, रेडिएशन जांच के लिए हुआ चयन

Editor
Last updated: July 12, 2025 9:51 am
Editor
Share
5 Min Read
SHARE
बीएमएचआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता, रेडिएशन जांच के लिए हुआ चयन
👁️ 328 Views
WhatsApp Share on WhatsApp

भोपाल 
भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल हुई है। देशभर में चुनिंदा संस्थानों को शामिल कर बनाए गए इंडियन बायोडोसिमीट्री नेटवर्क (IN-BioDoS) में साबीएमएचआरसी की इटोजेनेटिक प्रयोगशाला को शामिल किया गया है। राजधानी के भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल हुई है। देशभर में चुनिंदा संस्थानों को शामिल कर बनाए गए इंडियन बायोडोसिमीट्री नेटवर्क (IN-BioDoS) में साबीएमएचआरसी की इटोजेनेटिक प्रयोगशाला को शामिल किया गया है। इसके तहत यह लैब अब रेडिएशन के कारण होने वाली आपदा की स्थिति में रेडिएशन के असर का वैज्ञानिक आकलन करेगी और गंभीर परिस्थितियों में इलाज करने के लिए सटीक जानकारी देगी। इस उपलब्धि के साथ बीएमएचआरसी मध्य भारत का पहला और इकलौता संस्थान बन गया है, जिसे इस अत्यंत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेटवर्क में स्थान मिला है।

 रेडिएशन से कैसे बचाएगा यह नेटवर्क?
देश में परमाणु ऊर्जा, उद्योग और चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रेडिएशन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में रेडियोथेरेपी जैसी तकनीकों के माध्यम से रेडिएशन का व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में यदि कभी किसी जगह पर रेडिएशन का रिसाव हो जाए या किसी को अनजाने में ज़्यादा मात्रा में रेडिएशन लग जाए, तो डॉक्टरों को इलाज शुरू करने के लिए यह जानना जरूरी होता है कि मरीज को कितनी मात्रा में रेडिएशन से प्रभावित हुआ है। बायोडोसिमीट्री वह वैज्ञानिक तरीका है जिससे यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में रेडिएशन की कितनी मात्रा गई है। इस जानकारी से डॉक्टर सही समय पर सही इलाज शुरू कर पाते हैं।

 बीएमएचआरसी की प्रयोगशाला का क्या होगा काम? 
बीएमएचआरसी के अनुसंधान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ रविंद्र एम समर्थ ने बताया कि हमारी साइटोजेनेटिक लैब अब रेडिएशन से प्रभावित व्यक्तियों के रक्त नमूनों की जांच कर यह बता सकेगी कि उन्हें कितना नुकसान हुआ है। इस तकनीक का उपयोग खासतौर पर आपातकालीन परिस्थितियों में किया जाएगा जैसे परमाणु संयंत्र में दुर्घटना, अस्पताल में उपकरण की गड़बड़ी या किसी प्रकार की रेडिएशन घटना। यह लैब अब देश की अन्य प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर आम लोगों पर हुए रेडिएशन के असर का वैज्ञानिक आकलन करेगी और जांच व इलाज की दिशा तय करने में मदद करेगी। 

देशभर में सिर्फ 6 संस्थानों का चयन 
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र BARC द्वारा शुरू किए गए इस नेटवर्क में देशभर से केवल 6 संस्थानों को चुना गया है। बीएमएचआरसी के अलावा इसमें चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ, मंगलूरु और कलपक्कम की प्रयोगशालाएं शामिल हैं। यह सभी मिलकर देश में रेडिएशन से निपटने की वैज्ञानिक क्षमता को बढ़ाएंगी।

 कैसे पता चलता है रेडिएशन ने कितना असर डाला 
डॉ समर्थ ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक रेडिएशन का असर होता है, तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव शरीर की कोशिकाओं में मौजूद क्रोमोज़ोम पर पड़ता है। रेडिएशन से क्रोमोज़ोम में टूट-फूट, असामान्य जुड़ाव या अतिरिक्त संरचनाएं बन सकती हैं, जो शरीर के लिए खतरनाक साबित होती हैं। बीएमएचआरसी की साइटोजेनेटिक लैब में मरीज के खून के नमूने लेकर विशेष जैविक तकनीकों जैसे डायसेंट्रिक क्रोमोज़ोम अस्से (DCA) और माइक्रोन्यूक्लियस अस्से के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि रेडिएशन से क्रोमोज़ोम में कितनी और किस प्रकार की क्षति हुई है। उदाहरण के लिए, डायसेंट्रिक क्रोमोज़ोम का बनना रेडिएशन के प्रभाव का पुख्ता संकेत होता है, और उनकी संख्या के आधार पर यह आकलन किया जाता है कि मरीज को कितना रेडिएशन डोज़ लगा है। इस वैज्ञानिक पद्धति से समय रहते सटीक इलाज संभव हो पाता है और रेडिएशन से होने वाले गंभीर प्रभावों को रोका जा सकता है।

 यह हमारे लिए गर्व की बात 
बीएमएचआरसी की निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा बै कि बीएमएचआरसी को इस राष्ट्रीय नेटवर्क में शामिल किया जाना हम सभी के लिए गर्व की बात है। यह संस्थान की वैज्ञानिक क्षमताओं और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान का प्रमाण है। भोपाल और मध्य भारत के लिए यह सुविधा अब रेडिएशन से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति में एक मजबूत सहारा बनेगी।"

 

TAGGED: top-news

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
What do you think?
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article भोपाल: कोलार रोड का नाम ‘राजा भोज मार्ग’ रखने की मांग ने फिर पकड़ा जोर
Next Article मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज करेंगे एक्वा पार्क का भूमि-पूजन
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3kFollowersLike
69.1kFollowersFollow
11.6kFollowersPin
56.4kFollowersFollow
136kSubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

‘भविष्य में नहीं लड़ूंगा कोई चुनाव’, केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव का बड़ा ऐलान
देश July 12, 2025
अमरनाथ यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, अब तक 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
देश July 12, 2025
भारतीय भाषा में अध्यापन के केंद्र बनेंगे विश्वविद्यालय : मंत्री परमार
देश मध्य प्रदेश July 12, 2025
राहुल गांधी को खुद की समझ नहीं, जो लिखा जाता है वही पढ़ते हैं: धर्मेंद्र प्रधान का हमला
राजनीति July 12, 2025

Recent Posts

  • ‘भविष्य में नहीं लड़ूंगा कोई चुनाव’, केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव का बड़ा ऐलान
  • अमरनाथ यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, अब तक 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
  • भारतीय भाषा में अध्यापन के केंद्र बनेंगे विश्वविद्यालय : मंत्री परमार
  • राहुल गांधी को खुद की समझ नहीं, जो लिखा जाता है वही पढ़ते हैं: धर्मेंद्र प्रधान का हमला
  • रानी अबंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी की दोनों यूनिट से उत्पादन शुरु : ऊर्जा मंत्री तोमर

Recent Comments

No comments to show.

Top Categories

  • Advertise with us
  • Newsletters
  • Deal
SW24 NewsSW24 News
Follow US
© 2025 SW24 NEWS Private Limited . All Rights Reserved.
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?