भीलवाड़ा
भीलवाड़ा पुलिस ने ऑनलाइन क्रिकेट का सट्टा लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच युवकों को गिरफ्तार किया है। दो अलग-अलग जगहों पर हुई कार्रवाई में करीब 90 लाख रुपए से अधिक का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पकड़ा गया है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ये सभी युवक क्रिकेट मैचों पर आईडी बनाकर ऑनलाइन खाईवाली करते थे और इस अवैध कमाई को ब्याज और प्रॉपर्टी में निवेश करते थे।
पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे की सूचना पर साइबर सेल और डीएसटी टीम के सहयोग से छापेमारी की गई। इस दौरान हरनी कलां निवासी विनोद (30) को गिरफ्तार किया गया। विनोद के मोबाइल की जांच में करीब 65 लाख रुपए के सट्टे का रिकॉर्ड और ट्रांजेक्शन मिला। पूछताछ में विनोद ने अपने साथियों के नाम उजागर किए, जिनकी गिरफ्तारी बाद में हुई।
पुलिस की दूसरी कार्रवाई में भीलवाड़ा निवासी गोपालदास उर्फ गोपी (35) को गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल में क्रिकेट सट्टे की करीब 25 लाख की खाईवाली का रिकॉर्ड मिला है। पूछताछ में गोपाल ने बताया कि वह डालचंद जाट के लिए काम करता है और 25 हजार रुपए मासिक वेतन पर क्रिकेट मैचों की सट्टा आईडी बनाता था। डालचंद से उसकी बातचीत वॉइस कॉल और मैसेज से होती थी। पुलिस अब डालचंद की तलाश में जुट गई है।
एसपी सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी सट्टे से अर्जित धन को ब्याज के धंधे और प्रॉपर्टी में निवेश करते थे। पैसे के लिए लोगों को प्रताड़ित करना और वसूली करना भी सामने आया है। अब पुलिस इन आरोपियों की संपत्ति की जांच कर रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि कितने वर्षों से यह गिरोह सक्रिय था और कितनी संपत्ति इस अवैध कमाई से अर्जित की गई है। इस मामले में 107 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की एफआईआर के अनुसार विनोद ने पूछताछ में बताया कि सट्टे की रकम का लेनदेन वह कमल सिंधी और प्रकाश सिंधी के माध्यम से करता था। इसके अलावा राहुल गुर्जर और लुत्फी उर्फ फजले रऊफ भी उसके सहयोगी थे। पुलिस इन नामों की जांच कर रही है और इनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।
पुलिस ने ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे और ट्रांजेक्शन के मामले में विनोद पिता बद्रीलाल जाट, गोपाल दास, मनीष पिता श्यामलाल, दीपक पिता सत्यनारायण, भगवतीलाल पिता बलदेव जाट को गिरफ्तार कर 23 जून तक पीसी रिमांड पर लिया है, इनसे डिटेल इन्वेस्टिगेशन की जा रही है।